Published On : Tue, Jul 27th, 2021

आय का महत्वपूर्ण विभाग (विज्ञापन) कुंभकर्णी नींद में,आय के बजाय हो रहा नुकसान

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– बड़ा बकायादार ‘यश आउटडोर’ पर विभाग प्रमुख मेहरबान,गैन्ट्री का टेंडर ख़त्म लेकिन नया टेंडर के बजाय उसे EXTENSION देने की तैयारी कर रहे

नागपुर – ‘NAGPUR TODAY’ बारंबार मनपा आयुक्त का सालों से ध्यानाकर्षण करवा रहा कि मनपा ने चुस्ती से विज्ञापन,पानी,संपत्ति,नगर रचना,बाजार और अग्निशमन विभाग के ग्राहकों से शुल्क/किराया/लीज रेंट वसूल किया तो मनपा खुद के बल पर शहर का सर्वांगीण विकास हर्षोल्लास से कर सकती हैं.इसके लिए सर्वप्रथम एक ही विभाग में वर्षों से कुंडली मार बैठे विभाग प्रमुख/अधिकारी/कर्मियों का अविलंब तबादला/बदलाव किया गया तो ही संभव हैं.ऐसा ही कुछ विज्ञापन विभाग में चल रहा.

‘यश आउटडोर’ पर विभाग मेहरबान
ऐड पोल का टेंडर यश आउटडोर को दिया गया था,वह आजतक एक रूपए भी मनपा को किराया नहीं दिया।दूसरी तरफ आने-पौने दाम लेकर नियमित व्यवसाय कर अपना जेब गर्म कर रहा.विज्ञापन विभाग कहता हैं कि उस पर कार्रवाई की गई लेकिन हकीकत में ‘कागजी घोड़े’ ही दौड़ाए गए,जिससे ‘यश आउटडोर’ पर रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ा.वह इसके बाद भी व्यवसाय करने में लीन हैं. इस सन्दर्भ में ‘यश आउटडोर’ से बकाया वसूली मामले में मनपा प्रशासन सिरे से नज़रअंदाज कर रहा.विभाग से यह पूछा गया कि ‘यश आउटडोर’ पर कागजी कार्रवाई बाद उसका ‘ऐड पोल’ LEGAL हैं ILLEGAL …. तो विभाग ने चुप्पी साध ली.अर्थात सम्पूर्ण दाल ही काली हैं.

गेंट्री की मुद्दत ख़त्म,EXTENSION की तैयारी चल रही
पूर्व आयुक्त हर्डीकर के कार्यकाल में शहर में लगभग 2 दर्जन गेंट्री (विज्ञापन होर्डिंग का नया प्रकार) लगाने की अनुमति एक मिलीजुली समझौते के तहत अमरावती के एक एजेंसी को दी गई थी.विपक्षी नेता के सिफारिश पर तत्कालीन स्थाई समिति सभापति में पहल की थी.इस एजेंसी में कुल 2 दर्जन में से मात्र 3 ही गेंट्री (2 सीताबर्डी चौक और 1 लक्ष्मी भवन चौक) लगाए।तब मामला इतना गरमा गया था कि मामला न्यायालय तक पहुँच गया,न्यायालय के मुताबिक मनपा ने EXTENSION भी दिए,अब जबकि सम्पूर्ण समयावधि समाप्त हो चुकी हैं.ऐसे में विज्ञापन विभाग ऊपर से लेकर नीचे तक एकजुट होकर मनपा को चुना लगते हुए इसी एजेंसी को कोरोना आदि की आड़ लेकर EXTRA EXTENSION देने हेतु कागजी प्रक्रिया शुरू की.

कई दर्जन एजेंसी पर करोड़ों का बकाया,वसूली नाममात्र
विज्ञापन विभाग में विभागप्रमुख सह नीचे के अन्य कर्मी वर्षो से कुंडली मार बैठे और विज्ञापन विभाग को चुना लगा रहे,नतीजा विज्ञापन विभाग से मनपा के अनुरूप आय नहीं हो रही.जिसे सिद्दत से अधिकारी-कर्मी हवा दे रहे,इसलिए इस विभाग से आय के मामले में किसी का ध्यान नहीं रहता।जबकि कुंडली मार बैठे अधिकारियों/कर्मियों का बदलाव किया गया और संजीदगी से बकाया वसूली के साथ,अवैध होर्डिंग आदि पर कार्रवाई सह नियमित किये गए तो मनपा को बड़ी आय मिल सकती हैं.

150 से अधिक अवैध होर्डिंग पर विभाग प्रमुख की चुप्पी
शहर में होर्डिंग से आय और अवैध होर्डिंग से मनपा का हो रहा नुकसान पर आमसभा में कई दफे चर्चा बाद भी विभाग के जिम्मेदार आयुक्त स्तर से विभाग प्रमुख अधिकारीगण के कानों पर कोई जूं नहीं रेंगा।जबकि सम्पूर्ण शहर में खाकी-खादी की मदद से 150 से अधिक अवैध होर्डिंग हैं,जो ग्राहकों से वसूल रही लेकिन मनपा को ठेंगा दिखा रही.

उल्लेखनीय यह हैं कि एनएमसी के पास केवल 151 विज्ञापन होर्डिंग हैं जो मुख्य सड़कों के साथ चौकों में स्थित हैं, 2,786 स्ट्रीट लाइट पोल पर और 550 बैनर स्टैंड पूरे शहर में 222 वर्ग किमी में फैले हुए हैं। इन स्रोतों से एनएमसी का राजस्व 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष से कम है जो बहुत कम माना जाता है।

एनएमसी का राजस्व बढ़ने के बजाय घट रहा है। एनएमसी के आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में राजस्व 5.76 करोड़ रुपये था और 2011-12 में बढ़कर 5.98 करोड़ रुपये और 2013-14 में 7.12 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व में गिरावट शुरू हुई और 2014-15 में 6.52 करोड़ रुपये थी। इसके बाद 2015-16 में 5.22 करोड़ रुपये, 2016-17 में 5.08 करोड़ रुपये, 2017-18 में 6.49 करोड़ रुपये, 2018-19 में 5.12 करोड़ रुपये और 2019-20 में 4.85 करोड़ रुपये आए।

इन्हीं विभाग प्रमुख के पास मनपा के अन्य राजस्व विभाग की जिम्मेदारी हैं,वह भी वर्षों से,काम का बोझ इतना बढ़ गया की आम के बजाय विशेष से मिलना पसंद कर रहे,विशेष की मदद से विशेष को राहत भी प्रदान कर रहे.जो मनपा के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित हो रहा.