Published On : Mon, Jun 7th, 2021

वाघोड़ा-शिवरा-सिंगारदीप घाट में अवैध रेती उत्खनन-बिक्री-परिवहन

जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी,SDO व तहसीलदार के नाक के नीचे खुलेआम चल रहा सरकारी खजाने को चुना लगाने का उद्योग

नागपुर : रेत से सरकार को राजस्व मिलती हैं,लेकिन जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी,SDO और तहसीलदारों के ढुलमुल रवैय्ये से पिछले डेढ़ सालों में राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ हैं.जिसके प्रत्यक्ष जिम्मेदार उक्त दिग्गज अधिकारी हैं.गत सप्ताह वाघोड़ा -शिवरा-सिंगारदीप घाट में जिला खनन अधिकारी का दल ने दस्तक दी,अवैध स्टॉक,ओवरलोड परिवहन और बोगस रॉयल्टी की जानकारी/प्रत्यक्ष प्रमाण मिलने के बाद भी आज 5 दिन बीत जाने के बावजूद कोई ठोस/कड़क कार्रवाई नहीं हुई.नतीजा इन 5 दिनों में करोड़ों की रेती स्टॉक से गायब करवा दी गई !

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सरकार को भरपूर राजस्व मिले,इस मामले में जिला प्रशासन काफी सुस्त हैं इसके साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सिरे से नज़रअंदाज कर रहे,इसलिए जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र के रेत माफिया पूर्ण शबाब में अवैध उत्खनन कर फर्जी रॉयल्टी के आधार पर ओवरलोड रेती का परिवहन सह बिक्री में लीन हैं.
एमओडीआई फाउंडेशन के अनुसार वाघोड़ा के लिए जिला खनन विभाग ने जितने ब्रास की रॉयल्टी दी थी,उतनी ब्रास रेत वाघोड़ा घाट के निकट उनके अवैध स्टॉक क्षेत्र में उक्त दस्ते को मिली,इस हिसाब से घाट संचालकों के पास वर्त्तमान में उतनी रॉयल्टी नहीं हैं.क्यूंकि इससे ज्यादा ब्रास रेत फर्जी रॉयल्टी के आधार पर घाट के संचालकों ने अपने समर्थकों के जरिए बेच दी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 2 दिनों में बड़े-बड़े ट्रकों में रेत भरा जा रहा था,जिसमें से कुछ ट्रक गंतव्य स्थल की ओर रवाना हो चूका हैं.उक्त सम्पूर्ण मामलात उक्त चारों अधिकारियों के ध्यान में लाने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना,अर्थात सरकार को आर्थिक नुकसान पहुँचाने में प्रशासन अहम् भूमिका अपना रहा.

शिवरा और सिंगारदीप घाट का भी हाल कुछ इस प्रकार का ही हैं,शिवरा घाट में रेत स्टॉक घाट से 100 मीटर के अंतर पर हैं,यहाँ भी मशीन का इस्तेमाल खुलेआम हो रहा.सिंगारदीप घाट के गोरखधंधा पिछले दफे जिला खनन विभाग ने सार्वजानिक कर चुकी हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि जिले के सभी रेती घाटों में अवैध रेत उत्खनन,फर्जी रॉयल्टी पर रेत बिक्री,अवैध परिवहन को खादी-खाकी की शह दे रहे.इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी,SDO और तहसीलदार उठ रहे किसी भी सवाल के जवाब देने के बजाय कोरोना की आड़ लेकर अपना पल्ला झाड़ रहे.जल्द ही इस सन्दर्भ में राज्य के राजस्व मंत्री और मुख्यमंत्री को एमओडीआई फाउंडेशन का शिष्टमंडल भेंट कर उक्त मामले के आरोपियों पर कड़क कार्रवाई की मांग करेगा।

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