अवैध शराबबिक्री से तालुका में बढ़ा व्यसन
राजुरा (चंद्रपुर)। राज्य के वित्त व वन मंत्री तथा चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने चुनाव के पहले जिले की जनता को ‘जिले में शराबबंदी करेंगे ऐसा जाहिर आश्वासन दिया था. जिससे शराब के दुष्परिणाम पर लगाम लगेगा ऐसी आशा जनता में निर्माण हुयी. लेकिन दो महीने बित जाने पर भी कोई भी ठोस कदम नही उठाये गए. जिससें ग्रामीण, शहरी क्षेत्र में अधिक प्रमाण में व्यसन बढ़ रहा है. किसान, मजदुर, युवा इसकी ओर आकर्षित होते जा रहे है.
राजुरा तालुका के गांवों में अवैध शराब बिक्री धड़ल्ले से शुरू है. लेकिन शराबबंदी करने की घोषणा देने वाले नेताओं के शासन काल में अवैध शराब बिक्री पर पुलिस की अनदेखी सामने आ रही है. वहीं अवैध शराब बिक्री बढ़ती दिख रही है. तालुका के विहीरगांव, गोवरी, पोवनी, सायरी, सास्ता, रेवड़ा, वरुर रोड, सोंडो, टेम्बुरवाही आदि ग्रामीण और शहर में भी अवैध तरीके से शराबबिक्री का चित्र दिख रहा है.
यहां पहले से ही जगह-जगह लायसेंस धारक शराब की दुकाने शुरू है और अब तालुका के अनेक गांव में शुरू अवैध शराबबिक्री से व्यसन बढ़ रहा है. इस कारण युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, महिलाओं की चिंता बढ़ रही है और बच्चों की हालत दयनीय हो रही है. गांव में शराब उपलब्ध करने के लिए व्यापारियों ने अवैध शराबबिक्री केंद्र का जाल बिछाया है. सभी जगह शराब पहुचाने के लिए मोटरसायकल, ऑटोरिक्षा का उपयोग किया जाता है. तालुका में जगह-जगह यही परिस्थिती देखने मिलती है.
अवैध तरीके से चलने वाले इस धंदे से मजदुर, कामगार, ट्रक मालक, किसान यहां तक छात्रों को भी शराब लत लग रही है. कुछ जगह शराब पिने वालों की संपत्ति शराब के नशे में हथियाने का प्रकार भी हो रहा है. उधारी वसुल करने के लिए इस तरह के हथकंडे व्यापारी अपना रहे है. लोगों का परिवार रास्ते पर आने के कगार पर है. परिवार में विवाद बढ़ रहे है. महिलाओं से मारपीट की जा रही है. बच्चों को बाहर रखना, शिक्षा पर विपरीत परिणाम, किमती चीजें कौड़ी के भाव में बेचना आदि प्रकार बढ़ रहा है.
इन अवैध शराबबिक्री के गोरख धंदे के पीछे पुलिस की अहम भुमिका है ऐसा स्थानिक नागरिकों का कहना है.