Published On : Wed, May 4th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

मोबाइल टावर को लेकर मनपा सुस्त तो नागरिक हलाकान

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– शहर में 900 में से सिर्फ 70 टॉवर अधिकृत

नागपुर– शहर में करीब 900 मोबाइल टावर हैं, जिनमें से सिर्फ 70 टावर ही अधिकृत हैं. खास बात यह है कि इसमें से बहुतेक टावर को कई पुरानी इमारतों पर खड़ा किया गया है। इन टावरों से निकलने वाला रेडिएशन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। मोबाइल टावर नीति को मंजूरी मिलने के बाद भी मनपा का नगर रचना विभाग की सुस्ती से नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा हैं.

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स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकता है। रेडिएशन की तीव्रता कितनी भी क्यों न हो, आवासीय क्षेत्र में मोबाइल टावर को मंजूरी देने के कुछ नियम हैं। लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा शहर इन नियमों का उल्लंघन कर रहा है। मनपा की नगर रचना विभाग शहर में मोबाइल टावरों को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार है।

2 मार्च को हुई मनपा की पिछली बैठक में मोबाइल टावर की स्वीकृति की नीति को मंजूरी दी गई थी. उसके बाद 5 मार्च से मनपा पर प्रशासक राज शुरू हो गया हैं। उम्मीद थी कि प्रशासक के कार्यकाल में नागरिकों के हित के लिए प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। प्रशासक की ढुलमुल निति के कारण अवैध मोबाइल टॉवर का कोई बाल भी बांका नहीं कर पा रहा हैं.

उल्लेखनीय यह है कि शहर में नौ सौ मोबाइल टावर हैं। इनमें से केवल 70 मोबाइल टावरों की अनुमति है। मनपा इन अवैध मोबाइल टावरों से संपत्ति कर भी वसूल रही है। अनाधिकृत मोबाइल टावरों को नियमित करने को लेकर जहां नीति है, वहीं नगर रचना विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है. सूत्र ने बताया कि नगर रचना विभाग का पूरा ध्यान बहुमंजिला इमारत की योजनाओं को मंजूरी देने पर है. जबकि अधिकांश मोबाइल टावर पुराने भवनों पर हैं।
इन पुराने इमारतों की संरचना का ऑडिट नहीं किया गया है। इससे कहीं न कहीं बड़ा हादसा होने की संभावना बढ़ गई है। उन्होंने नगर रचना विभाग उक्त मामले पर कोई तवज्जों नहीं दे रहा.

मनपा को आर्थिक नुकसान
नई नीति में मोबाइल टावरों के निर्माण और मौजूदा अनधिकृत टावरों पर विभिन्न शुल्क लगाने का प्रावधान है। बावजूद इसके नगर रचना विभाग की सुस्ती से करोड़ों रुपये का राजस्व प्रभावित हो रहा है.

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