नागपुर: शहर में कल लोकसभा का मतदान हुआ. लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से सैकड़ो लोग मतदान से वंचित रह गए तो कईयो ने काफी परेशानियों के बाद मतदान किया. जयेश पटेल जो एक सजग नागरिक है. वे प्रभाग नम्बर 22 लकड़गंज में रहते है और उनका नाम प्रभाग 23 की सूचि में सतनामी नगर में डाला गया था. प्रभाग को बदलने के लिए वे अब तक मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय के कई अधिकारियो को निवेदन दे चुके है.
यहाँ तक की उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री को भी निवेदन दिया है. लेकिन किसी अधिकारी ने उनके प्रभाग को दुरुस्त नहीं किया. मतदाता सूचि में गलत प्रभाग में नाम होने से उन्हें गलत प्रभाग में जाकर मतदान करना पड़ रहा है. पिछले बार हुए मनपा के चुनाव में भी वे मतदान नहीं कर सके थे. नागपुर प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इतने निवेदन के बाद अभी तक इस बारे में किसी भी अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया है.
इसके साथ ही आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ ने 6 बजने को जब 3 मिनट बाकी थे. तब उन्होंने मतदान किया . इसके लिए उन्होंने सीधे सीधे जिलाधिकारी कार्यालय को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मतदाताओ के ऍप में नाम ही नहीं आ रहे थे.
पेंशन नगर की स्कुल में उनका मतदान है. मतदान की पर्ची नहीं आयी थी. मतदान केंद्र पर जाने के बाद ऍप में नाम डाला गया. लेकिन उसमें भी नाम नहीं आ रहा था. आयोग की साइट भी हैंग हो रही थी. काफी मशक्कत के बाद 6 बजे से पहले उनकी पत्नी और उन्होंने मतदान किया. उन्होंने बताया कि वे मतदान केंद्र में आखरी वोटर थे. शरीफ ने बताया कि खासकर अल्पसंख्यकों के नाम सूचि से गायब थे. उन्होंने कहा कि स्कूल के शिक्षकों को ड्यूटी पर लगाया गया था. इन्होने नागरिकों को मतदान की पर्ची नहीं बाटी . हसनबाग़ में करीब 30 प्रतिशत नागरिकों के नाम ही नहीं थे. पहली बार देखा की वोट देने के लिए लोग तरस रहे थे. लेकिन सूचि में नाम नहीं होने से वे मतदान नहीं कर पाए.