Published On : Tue, Feb 6th, 2018

परिवहन विभाग की संपत्ति से कट गए सैकडों बेशकीमती सागौन

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नागपुर: कड़की में मनपा जबकि शहर के बेशकीमती संपत्तियों की मालिक है, सिर्फ प्रशासन की दुर्लक्षिता के कारण मनपा की संपत्तियों को मनपा के अधिकारियों व कर्मियों की मदद से लूटने का सिलसिला जारी है। नागपुर टुडे बारम्बार वर्षों से आगाह करवा रहा कि मनपा की दुदर्शिता से मनपा सबल हो सकता है, बशर्ते मनपा प्रशासन के दिग्गज अधिकारी व सत्तापक्ष के दिग्गज वातानुकूलित कक्ष से निकल कर मैदान में आए। अब मामला सामने आया कि अमरावती मार्ग स्थित वाड़ी चुंगी नाका परिसर में सैकड़ों बेशकीमती सागौन के पेड़ कट गए।

उक्त घटना की सूचना विपक्ष नेता तानाजी वनवे को मिलते ही तत्काल घटनास्थल पहुंच निरिक्षण किया। ज्ञात हो कि उक्त स्थल वर्षों से चुंगी नाका के लिए जाना जाता था। मनपा अधीनस्त इस स्थल के मध्य में कार्यालयीन कार्यों के लिए इमारत के साथ गोदाम है। सामने के आधे भाग में वाहनों की पार्किंग के लिए जगह के लिए आवाजाही के लिए सड़क थी और इमारत के ठीक पीछे एक-डेढ़ एकड़ के क्षेत्रफल जगह पर 50 वर्ष पूर्व सागौन के पेड़ों का रोपण किया गया था। इस परिसर में पिछले एक वर्ष तक 100 से अधिक सागवान के पेड़ जिन्दा लहलहाते देखे गए थे। इनके सिंचन के लिए पीछे कुंआ और पानी जमा करने के लिए टांके आज भी है।

विपक्ष नेता वनवे को मिली जानकारी के अनुसार जब वे अमरावती मार्ग स्थित वाड़ी नाका परिसर पहुंचे तो उन्हें घटनास्थल पर ले जाया गया। इस नाका परिसर के सम्पूर्ण परिसर का मुआयना करवाया गया, इस मुआयने में सैकड़ों सागौन के वृक्ष जो की बेशकीमती थे, उनको सालभर के भीतर काटे जाने की जानकारी दी गई। यह जमीन या नाका मनपा परिवहन विभाग अंतर्गत है। विपक्ष नेता को जानकारी देने वाले के अनुसार उक्त सागवान वृक्षों के काटे जाने की जानकारी परिवहन व्यवस्थापक को दी गई थी। लेकिन वे इसे गंभीरता से नहीं लिया। इन वृक्षों को कीमत स्थानीय बाजार के सम्बंधित व्यवसायियों के अनुसार लाखों में की गई।

कुछ माह पहले वाड़ी के ट्रांसपोर्टरों की सैकड़ों वाहन इसी नाका परिसर में लगा करती थी, जिसके बदले परिवहन विभाग के किसी दिग्गज अधिकारी को मासिक किराया अवैध रूप से दिया जाता था। ईसिस पर्दाफाश होते ही उक्त अधिकारी ‘नागपुर टुडे’ को देखते ही अपना ‘बीपी’ खुद ब खुद ऊँचा कर अपना आपा खो बैठता है।

क्योंकि मनपा मुख्यालय के अधिकारी और पदाधिकारी ‘कक्ष टू कक्ष’ विचरण करते-करते अपना कार्यकाल समाप्त कर देते है, जबकि वे अधिकारी या पदाधिकारी ‘शहर टू शहर’ प्रत्यक्ष विचरण कर अपने जिम्मेदारी का वहन करें तो नागपुर मनपा को पूर्ण रूपेण आर्थिक अड़चन से बाहर निकाला जा सकता है। इसी क्रम में मनपा प्रशासन ने जिलाधिकारी कार्यालय के मार्फ़त मनपा सम्पत्तियों की अंकेक्षण कर उसे सुरक्षा दिवार के घेर अपने निगरानी में लेकर आय के स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल किया तो मनपा साल दो साल में ही अपने बल संचलन होने वाली पहली मनपा बन सकती है।

वनवे ने जानकारी दी कि यह घटनाक्रम निंदनीय और गंभीर है। इसलिए इस मामले को आयुक्त के ध्यान में लाकर दोषियों को सजा दिलवाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग संपत्ति से बेशकीमती सागौन के सैकड़ों पेड़ काटे जाने की जानकारी परिवहन सभापति बंटी कुकड़े को मिल चुकी है। आज दोपहर उनके द्वारा घटनास्थल का दौरा करने की जानकारी मिली है।

स्थानीय जानकारों के हिसाब से निजी बसों की अवैध पार्किंग होती है, साथ में सुलभ शौचालय वाले मनपा की इस बेशकीमती संपत्ति के सहारे रोजाना 2-5 सौ रूपए अलग कमा रहे। उल्लेखनीय यह है कि नाका परिसर के इमारत के पीछे खुलेआम जुआ खेला जाता है। जिसका प्रत्यक्ष मुआयना विपक्ष नेता ने की। अब देखना यह है कि विपक्ष नेता उक्त ज्वलंत मुद्दों को लेकर प्रशासन से किस तरह दो-दो हाथ कर मनपा की संपत्ति और राजस्व का बचाव करने में सफल होते हैं या फिर स्थिति ‘ढाक के तीन पात’ की ही रहती है।