255 किसान हुए शामिल
पवनी (भंडारा)। पवनी तालुका में किसानों को पशु-पक्षियों के बारे में अनुभूति हो इसलिए पंचायत समिति पवनी पशुसंवर्धन विभाग की ओर से 10 फरवरी को दोपहर 12 बजे संभाजी चुटे रंग मंदिर मैदान पर तालुका स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसमें 255 किसान सहभागी हुए थे.
तालुका स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शन में अनेक इच्छुक किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर नाम दर्ज किया. किसानों को आर्थिक उत्पन्न में इजाफा हो, दुध उत्पादन में इजाफा हो इस दृष्टी से जानवरों को किस प्रकार की सावधानी बरते इस उदेश्य से तालुका के डाक्टर मार्गदर्शन कर रहे है. चारे की समस्या आने पर कौनसे चारे की फसल उगाई जाये इसका मार्गदर्शन किया.
तालुका स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शन के उदद्घाटक स्थानिय विधायक एड. रामचंद्र अवसरे, अध्यक्ष नगराध्यक्ष रजनीताई मोटघरे की उपस्थिती थी. प्रमुख अतिथि जि.प. पशु संवर्धन सभापती संदीप टाले, उपसभापति शिवशंकर मुंगाटे, खंड विकास अधिकारी, उपधिकारी निमसटकार, आदि की उपस्थिती थी.
तालुका स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शनी में 9 विभाग किये है. संकरित कालवाल विभाग में प्रथम पुरस्कार आशीष फुलबांधे, द्वितीय उषा वंजारी कोदुर्ली, तृतीय राकेश बावनकर इटगांव को प्रदान किया गया. संकरित गाय विभाग में रतिराम थेरे, द्वितीय संदेश वैद्य, तृतीय तुकाराम वंजारी कोदुर्ली को मिला. संकरित नर विभाग में प्रथम पुरस्कार अश्विन देशमुख आकोट, द्वितीय सज्जन मुंडले पवनी तथा तृतीय विनोद उंदिरवाडे को मिला. भैस वर्ग मादा विभाग में प्रथम बक्षीष मारोती नख़ाने मोखारा, द्वितीय चिंतामन तेलभासरे पवनी तथा तृतीय विठ्ठल पंचभाई पिम्पलगांव को मिला. भैस वर्ग नर विभाग में प्रथम पुरस्कार हरी हटवार पवनी, द्वितीय भास्कर ठाकरे पवनी तथा तृतीय आमिर मोहम्मद पवनी को मिला.
बैलजोड़ी विभाग में प्रथम पुरस्कार आनंदराव एकनाथ हेमने, द्वितीय मंगल कावले पवनी तथा तृतीय शरद रोहणकर सिंदपुरी को मिला. बकरी विभाग में प्रथम बक्षीष हर्षवर्धन रामटेके पवनी, द्वितीय मंगरु कावले पवनी तथा तृतीय शरद रोहणकर सिंदपुरी को मिला. मुर्गी पालन विभाग में प्रथम पुरस्कार गोवर्धन नागपुरे पवनी, द्वितीय संकेश मोहरकर तथा तृतीय राहुल मांगली को मिला.
तालुका स्तरीय पशुपक्षी प्रदर्शन में 255 किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की. सहाय्यक आयुक्त डा. एम.डी. साखरे, खंड विकास अधिकारी, एस.के. भगत, पशु विकास अधिकारी डा. प्रशांत वैद्य, पशुधन विकास अधिकारी डा. जी.के. गभने, डा. खूने ने मार्गदर्शन किया.