Published On : Sat, Mar 7th, 2020

हिवसे : मूंढ़े का सहायक तो बांगर का ड्राइवर

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नागपुर: डेढ़ माह पूर्व मनपा में नए आयुक्त तुकाराम मूंढ़े ने आते ही नागपुर मनपा नाना प्रकार की धांधली होने के आरोप मढ मनपा को बर्खास्त करने मामले में घी डाल रहे और पूर्व व वर्त्तमान आयुक्त द्वारा लगातार किये जा रहे ग़ैरकृतों जायज ठहराते हुए जारी रखना समझ से परे हैं.

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो मूंढ़े पूर्व आयुक्त अभिजीत बांगर से भयभीत हैं या फिर किसी भी मनपा में ज्यादा समय तक काम करने के मामले में बांगर वरिष्ठ हैं.इसलिए मूंढ़े आज भी बांगर के समक्ष नतमस्तक दिख रहे.

बांगर ने प्रत्यक्ष रूप से मूंढ़े को मनपा का चार्ज नहीं दिया।मूंढ़े के ‘ज्वाइन’ होने के कुछ दिन पहले से ही ‘चार्ज’ देने सम्बन्धी सभी प्रक्रिया कर मनपा में छोड़ दिए थे,मूंढ़े ने नागपुर मनपा में प्रवेश करते ही उन्हें उक्त प्रक्रिया का कागजात थमाया गया,जिसे आधार मान उन्होंने ‘चार्ज’ लेकर काम शुरू किया।

बांगर को नागपुर मनपा को छोड़े लगभग ४० दिन हो गए लेकिन उन्होंने आज तक मनपायुक्त का बंगला नहीं छोड़े।इतना ही नहीं मूंढ़े के निर्देश पर बांगर को मनपा की वाहन और वाहन चालक आपूर्ति करवाया जा रहा.यह कार पहले अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र ठाकरे की सेवा में थी,जब उन्हें प्रभारी जिलाधिकारी बनाया गया तब से यह कार खाली-पिली थी.जैसे ही बांगर की जगह मूंढ़े ने मनपा का ‘चार्ज’ संभाला।यह कार और उसका ड्राइवर प्रमोद हिवसे ( जो वर्त्तमान में मूंढ़े का तथाकथित सहायक हैं ) चला रहा.मूंढ़े राज में हिवसे की पत्नी कंप्यूटर ऑपरेटर बना दी गई,यह भी मनपा में गर्मागर्म चर्चा का विषय हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि मूंढ़े सत्तापक्ष के स्थाई समिति सभापति के बजट को आय से अधिक का बजट साबित करने और मनपा को आर्थिक संकट में होने को प्रचारित कर मनपा को बर्खास्त करने,ऑडिटर को कैफो बनाकर उन्हीं से रिवाइज़ व वर्ष २०२०-२१ का प्रस्तावित बजट तैयार करवा रहे,जिसे नियमानुसार बता रहे.

दरअसल मूंढ़े राज्य में सत्ताधारी पक्षों के मोहरे की भूमिका में अबतक रहे,फिर सरकार किसी भी पक्ष की हो और बांगर को वर्त्तमान सत्ताधारी पक्ष मनपा में पुनः या फिर अंशतः भंग हुई नासुप्र को पुनर्जीवित कर उसका सभापति बनाने के लिए उठापठक कर रहा.