Published On : Fri, May 17th, 2019

भीषण गर्मी की संतरे की फसल पर मार

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गर्मी से सूख रहे हैं संतरा मौसंबी पेड़

काटोल: जिले में भीषण गर्मी तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध न होने से बड़ी संख्या में संतरे तथा मौसंबी के पेड़ सूख रहे हैं. इससे किसानों को अंबिया बहार पर बुरा असर पड़ने का डर सताने लगा है.

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यही नहीं मई माह में कभी भीषण गर्मी तो कभी मौसम में बदलाव के कारण जुलाई माह में मृग बहार भी खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है. जिले में काटोल, कोंढाली, नरखेड, कलमेशवर, मोहपा, सावनेर, आदि के संतरा, मौसमी फलों की बागायती के साथ काटोल विधानसभा क्षेत्र से सटे अमरावती जिले के वरूड़, मोर्शी, चांदूर बाजार शेंदूरजनाघाट, वर्धा जिले के कारजा गाडगे, आर्वी, आष्टी आदि इलाके में बड़े पैमाने पर संतरा उत्पादन किसान करते हैं.

यही नहीं जिले तथा विदर्भ के संतरा उत्पादक किसानों को गत कुछ वर्षों से लगातार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. तहसील में भूमिगत जल स्तर तेजी से नीचे जाने के कारण संतरा मौसंबी का उत्पादन लेना किसानों के लिए टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा है. खेत खलिहानों में कुएं फरवरी मार्च महीने में ही सूख गए थे. इससे सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो रही है. जिससे संतरे तथा मौसंबी के हजारों पेड़ सूख रहे हैं. इससे किसान पानी के लिए भूगर्भ के निचले स्तर तक पहुंचने के लिए 1000 से 1500 फीट गहराई तक बोरवेल मशीन से बोरिंग करते हुए नजर आ रहे हैं.

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