Published On : Wed, Jun 27th, 2018

5 रूपये के पॉपकॉर्न मल्टीप्लेक्स में 250 रूपये में क्यों ? – हाईकोर्ट

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मुंबई : मुंबई सहित पुरे राज्य के मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर राज्य सरकार का नियंत्रण क्यों नहीं? पांच रुपये के पॉपकॉर्न 250 रुपए को बेचने का अधिकार इनको किसने दिया? ऐसे सवाल मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को किये है। क्या बॉम्बे पुलिस अधिनियम के तहत थियेटर मालिकों पर कार्रवाई की जा सकती है ? इस मामले की रिपोर्ट चार सप्ताह में स्पष्ट करने के निर्देश मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए है।

हालांकि, हम किसी को मल्टीप्लेक्स में खाद्य वस्तु खरीदने के लिए बाध्य नहीं करते। यह हर किसी की इच्छा का सवाल है। आरामदायक सुविधाओं को प्रदान करना हमारा काम है, यह सुविधा लेना या नहीं लेना इसका निर्णय लोगों ने करना चाहिए। ऐसी भूमिका थियटर मालिकों द्वारा ली गई है। इसके आलावा, थियटर मालिकों ने सवाल किया कि, क्या कल ताज या ओबेरॉय जाकर चाय की दर को कम करने के लिए कहेंगे?

जैनेंद्र बक्शी ने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस अनुजा प्रभु देसाई की बेंच पर सुनवाई शुरू है। मल्टीप्लेक्स में वहा के महंगे खाद्य पदार्थ खरीदना पड़ता है क्योंकि घरेलू खाद्य पदार्थ वहा ले जाने के लिए निषेध है। यदि प्रकृति के कारण कोई व्यक्ति बहार के पदार्थ खा नहीं सकता, फिर उसे भी बाहर का खाने के लिए मजबूर होना पड़ता है? ऐसी आपत्ति का इस याचिका में उल्लेख किया गया है। इसलिए, घरेलू खाद्य वस्तुओं मल्टीप्लेक्स में ले जाने की अनुमति देने की मांग इस याचिका से की गई है।

मुंबई सहित राज्य के मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ इतने महंगे क्यों बेचे जाते है ? घरके खाद्य पदार्थ मल्टीप्लेक्स निषेध है तो वहा फिर निजी व्यावसायको खाद्य पदार्थ बेचने की अनुमति क्यों ? ऐसा सवाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से किया है। अगर सुरक्षा के कारण यह प्रतिबंध है, तो मल्टीप्लेक्स में सभी खाद्य पदार्थों को क्यों न प्रतिबंधित करें? ऐसा सवाल भी उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से किया है।