नागपुर. सरकार द्वारा सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराए गए घरेलू उपयोग के सिलेंडरों का दुरुपयोग होने, ऐसी गतिविधियों को रोकने के उपाय सुझाने के लिए समिति गठित करने की मांग को लेकर ग्राहक कल्याण दक्षता फाऊंडेशन के अध्यक्ष नितिन सोलंके की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय सचिव, इंडियन आईल कार्पोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन, राज्य के खाद्य व सार्वजिक आपूर्ति विभाग को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सिफारिशें की है. जिन पर राज्य या केंद्रीय प्राधिकारियों की ओर से कार्रवाई होनी चाहिए. किंतु कार्रवाई नहीं होने के कारण कालाबाजारी चरम पर है.
याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में बताया गया कि डीलरों द्वारा एलपीजी सिलेंडर की बिक्री और आपूर्ति में लापरवाही बरती जा रही है. एलपीजी सिलेंडरों के अन्य अवैध और अनधिकृत उपयोग में सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर का व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है. जिससे सरकारी खजाने में सेंध लगा रहा है. याचिकाकर्ता का मानना है कि इस तरह से सब्सिडी प्रणाली को कमजोर हो रही है. लिक्विड पेट्रोलियम गैस (आपूर्ति और वितरण का विनियमन) आदेश 2000 का कड़ाई से पालन करने के आदेश देने का अनुरोध भी कोर्ट से किया गया. साथ ही अनुपालन और विपणन अनुशासन दिशानिर्देश 2022 के तहत डीलरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि लंबे समय से एलपीजी सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग के मामले बढ़ रहे हैं ऐसा करने वाले व्यक्ति के लिए तो यह खतरनाक है ही, साथ ही आसपास के लोगों के जीवन और उनकी संपत्ति के लिए भी खतरनाक और खतरा पैदा करने वाला है.
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि आम लोगों का जीवन एलपीजी सिलेंडरों की अवैध रिफिलिंग के कारण खतरे में है और डीलरों की गलत हरकतों के कारण लोगों को असुविधा और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर घरेलू एलपीजी सिलेंडर का अवैध रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है. कोर्ट को बताया गया कि डीलरों द्वारा एलपीजी सिलेंडर की बिक्री और आपूर्ति में गड़बड़ियों किए जाने का भी खतरा है. घरेलू सिलेंडर से एलपीजी को अवैध रूप से ऑटो आदि में भरने के कारण सार्वजनिक सुरक्षा भी खतरे में है. याचिका में बताया गया कि डीलर और वितरक घरेलू सिलेंडर (जो सरकारी सब्सिडी के कारण सस्ते होते हैं) को होटलों, रेस्टारेन्ट या उद्योगों को अधिक कीमत पर बेचते हैं और अंतर की रकम अपनी जेब में डाल लेते हैं. इस प्रथा के कारण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित सरकारी सब्सिडी का दुरुपयोग होता है. वास्तविक घरेलू उपभोक्ताओं को सही आपूर्ति भी नहीं होती है.