यवतमाल। जिले में उमरखेड़ समेत सभी तहसीलों में मुसलाधार वर्षा गत 24 घण्टों में होने से ठंडी बढ़ गई है. इसके साथ ही गेहूं, चना आदि फसलों इसका लाभ हुआ है. इस वर्षा से इन फसलों को संजीवनी मिली है. क्योंकि हालही में इन फसलों की रबी मौसम में बुआई की गई थी. जिससे जिन किसानों के पास सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है उन्हें भी इस पानी का लाभ मिलनेवाला है. इसके साथ ही जिले के अ य स्थानों पर भी अच्छी वर्षा हुई है. यवतमाल में कल रात से समाचार लिखे जाने तक अच्छी वर्षा हों रही थी. जिससे रास्ते निर्जन हो गए थे.
कपास, तुअर के लिए नुकसानदायक है वर्षा
इस अकाली वर्षा से कपास और तुअर को नुकसान होने की जानकारी मिली है. अभीभी किसानों के खेतों में कपास निकालने के लिए मजदूर नहीं मिल पाने से खेतों में कपास वैसा ही पौंधों को लगा हुआ है तो दूसरी ओर तुअर की फल्ली सुखने की कगार पर आ गई है. वर्षा से गिली होकर वह काली पड़ जाएंगी, जिससे उसके दाम भी गिर जाएंगे तो दूसरी ओर कपास गिला हों जाने से उसका रंग मठमैला हो जाता है. ऐसे में उस कपास को अत्यंत निचले दर्जे का दाम दिया जाता है. ऐसे में यह वर्षा किसानों केे लिए गरीबी में गिला आटा करनेवाले साबित हों रही है.