नागपुर : नागपुर मेट्रो के निर्माण में सहायक कंपनी के में काम करने वाली कंपनी आयएल एंड एफएस (इंफ्रास्ट्रकचर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड) के खिलाफ मेट्रो द्वारा दाखिल याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। कंपनी द्वारा बैंक गैरेंटी के रूप में जमा 108 करोड़ की रकम को हासिल करने के लिए मेट्रो ने अदालत की शरण ली है। निर्माण और फायनेंस क्षेत्र से जुडी यह कंपनी बीते वर्ष सितंबर के महीने में दिवालिया हो चुकी है। कंपनी में हुई वित्तीय अनियमितता का असर एनएमआरसीएल के प्रोजेक्ट पर भी पड़ा। कंपनी ने अपना काम बंद कर दिया। आयएल एंड एफएस ने नागपुर में अपने कंपनी के कई वेंडरों और कर्मचारियों का भी भुगतान नहीं किया है।
चूँकि मेट्रो परियोजना एनएमआरसीएल का प्रोजक्ट है इसलिए बकायेदार मेट्रो से भुगतान की माँग कर रहे है जबकि मेट्रो द्वारा कंपनी को पहले ही भुगतान किया जा रहा है। कंपनी द्वारा अधर में काम बंद कर देने की वजह से एनएमआरसीएल को 40 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। एनएमआरसीएल कंपनी द्वारा उसके पास आयएल एंड एफएस कंपनी द्वारा बैंक गैरेंटी के रूप में करीब 108 करोड़ जमा है। मेट्रो इस रकम को जप्त कर अपना और अन्य बकायेदारों के भुगतान के प्रयास में है। इस दिशा में काम भी शुरू हुआ लेकिन आयएल एंड एफएस कंपनी नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चली गई। जहाँ से उसे राहत मिली और बैंक गैरेंटी के रूप में मेट्रो के पास जमा रकम को जप्त करने में ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है।
बैंक गैरेंटी की रकम को जप्त करने पर लगी रोक को हटाने के लिए महा मेट्रो द्वार अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बीते महीने मेट्रो ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी। महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक बृजेश दीक्षित ने उम्मीद जताई की अदालत में न केवल उनके पक्ष को सुना जायेगा बल्कि फ़ैसला भी मेट्रो के हित में आयेगा। इस मामले में मेट्रो की तरफ से वरिष्ठ वकील एस के मिश्रा पैरवी करेंगे। गौरतलबहो कि कंपनी को नागपुर मेट्रो रेल परियोजना में 450 करोड़ के लगभग का काम दिया गया था।
जिसमे रिच 1 ( मुंजे चौक से खापरी के बीच बनने वाले स्टेशनों के निर्माण ) का जिम्मा प्रमुख रूप से शामिल था। कंपनी ने दिवालिया होने से पूर्व खापरी,एयरपोर्ट और एयरपोर्ट साऊथ स्टेशन का निर्माण कार्य किया है। अब बचे कार्य को अन्य कंपनियों को हस्तांतरित किया जा चुका है। समय-समय पर मेट्रो द्वारा आयएल एंड एफएस कंपनी को भुगतान किया गया बावजूद इसके एडवांस पेमेंट के रूप में अदा किये गए लगभग 40 करोड़ रूपए का नुकसान नागपुर मेट्रो को वर्त्तमान में सहन करना पड़ रहा है।