Published On : Thu, Sep 14th, 2017

राज्य में तीन नए एनआइसीयू के निर्माण का स्वास्थ्य मंत्री ने किया ऐलान

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नागपुर:
 राज्य में जन्मजात बालकों की मृत्यु प्रमाण को कम करने के लिए राज्य में तीन नए एनआइसीयू बनाए जाने की जानकारी स्वास्थ्य डॉ मंत्री दीपक सावंत ने दी है। गुरुवार को नागपुर दौरे पर आये स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहाँ कि राज्य तीन नए निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट का निर्माण किया जायेगा। विदर्भ के अमरावती,चंद्रपुर के साथ नाशिक में यूनिट की स्थापना की जाएगी। बच्चों के जन्म से समय उनकी देख रेख करने में यह यूनिट सहायक होता है। कुपोषण और अन्य संक्रमण से सम्बंधित बीमारियों के समय बच्चे के बेहतर देखभाल इसके माध्यम से की जा सकती है। इसके अलावा 230 इंक्यूबेटर को भी लगाए जाने की जानकारी उन्होंने दी।

विदर्भ में विशेष तौर पर अमरावती जिले के मेलघाट में कुपोषण की वजह से जन्मजात बच्चो की बड़े पैमानें में मृत्यु हो जाती है लेकिन स्वस्थ्य मंत्री के मुताबिक मेलघाट में सरकार के प्रयास से इसमें कमी आयी है। मेलघाट के साथ ही चंद्रपुर में भी नवजात बच्चो की मृत्यु कुपोषण की वजह से ही होने की बात सामने आयी है इस पर विशेष ध्यान और उपाय योजना बनाये जाने की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री से दी। अप्रैल 2016 से अगस्त 2017 के दरमियान चंद्रपुर जिले में 3290 बच्चो का जन्म हुआ जिसमे से 2216 बच्चो का वजह ढाई किलो से अधिक था,1074 बच्चो का जन्म ढ़ाई किलो से कम था,डेढ़ किलो से ढाई किलो वजन के बीच 559 बच्चो ने जन्म लिया जबकि 17 बच्चे डेढ़ किलों से भी कम वजन के थे। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक जिले में जन्म देने वाली माता का वज़न कम होने का असर पैदा होने वाले बच्चों पर भी होता है। इसीलिए जिले में बालमृत्यु दर का आकड़ा ज़्यादा है।

550 बेड क्षमता का होगा डागा अस्पताल

प्रसूति के लिए ही बनाए गए डागा अस्पताल की स्वास्थ्य मंत्री ने तारीफ़ की। अपने दौरे के दौरान उन्होंने बेड की क्षमता के अनुरूप ज्यादा मरीजों के भर्ती होने की बात भी उन्होंने बताई। अस्पताल की क्षमता वर्त्तमान में 350 बेड की है जिसे 550 करने की जानकारी भी उन्होंने दी।

नागपुर में स्वाइन फ्ल्यू से अब तक 58 मौत,सात मरीज अब भी आईसीयू में

1 जनवरी 2017 से लेकर अब तक नागपुर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्ल्यू से 58 लोगो की मौत हो चुकी है। जबकि 7 मरीज आईसीयू में है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस बीमारी को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए 24 घंटे से अधिक 100 डिग्री सेल्शियस से ज्यादा बुखार रहने वाले मरीजों को स्वाइन फ्ल्यू की जाँच करने को कहाँ है।