– इसे कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक ने ‘सोशल वर्कर’ के रूप में दिलाया था प्रवेश
– सैकड़ों ठेका कर्मियों से 4 बार वसूली कर चुका है ठग
नागपुर: पिछले कई वर्षों से नागपुर की बोली-भाली जनता को लुभावने सपने दिखा कर ठगने का सिलसिला जारी है। कभी वीसी,तो कभी टीवी और तो कभी नौकरी के नाम पर आर्थिक चूना लगाकर ठग फरार हो गए।वअब मनपा स्वास्थ्य विभाग में पुणे निवासी एक ठग ने प्रवेश कर ठेकेदारी पर काम कर रहे कर्मियों को ठगना शुरू किया है। प्रशासन को इस ठग के मनसूबे की भनक लगने के बावजूद चुप्पी साधे रहना व उसके मुद्दों को तरजीह देना समझ से परे है।
ज्ञात हो कि उक्त ठग ने पिछले वर्ष शहर में प्रवेश किया। उसने खुद को एक सामाजिक संस्था के पदाधिकारी के रूप में मनपा को अपना परिचय दिया। फिर इन्होंने अपने तय इरादे के हिसाब से मनपा स्वास्थ्य विभाग में प्रवेश किया। जहा उसने रोजाना कचरा संकलन करने वाले ठेकेदार कंपनी के कर्मियों को टार्गेट बनाया। उन्हें अपने वश में कर उन्हें कानूनी रूप से सम्पूर्ण वेतन दिलवाने का झांसा दिया। इस संदर्भ में दौड़ भाग भी की। इस दौडमभाग में प्रशासन पर उक्त कांग्रेसी नगरसेवक ने दबाव बनाया। इनके मुद्दों को उस नगरसेवक ने आमसभा में लाया। और तो और ठग को आमसभा की कार्यवाही देखने के लिए प्रेक्षक की भांति पत्रकार गैलरी में भी बैठा दिया।
जब उक्त ठग का मामला गर्माने लगा तो उसने पुनः अपने झांसे में आये ठेकेदारी पर कार्यरत कर्मियों से ठगने के लिए उनकी यूनियन बनाने की नई रणनीति तैयार की। जिसके तहत पहले120-120 रुपये फिर 500-500 और फिर 180-180 रुपये विभिन्न कारणों से वसूले। विगत दिनों ठग ने ठेकेदार के सभी कर्मियों से 5000-5000 रुपये वसूलने की योजना बनाई। जिसके तहत 47 कर्मियों से 2500-2500 रुपये वसूले,वह भी बिना राशिद के। उक्त ठेकेदार के पास 1500 से अधिक कर्मी है,जिनसे 75,00,000 रुपये वसूलने का टार्गेट रखा था।
सिर्फ सेंट्रल वर्कशॉप के 47 कर्मियों से ठगी का मामला मनपा के चुनिंदा खाकी-खादियों में फैलने लगी। फिर ठग के आका तक बात पहुंचाई गई। ठग के आका ने जमकर फटकार लगाई। तब जाकर उक्त ठग ने समाचार लिखे जाने के पूर्व तक सभी 47 से वसूली गई राशि लौटाई। यह ठग अक्सर मनपा मुख्यालय परिसर में देखा जाता है लेकिन न प्रशासन और न ही सत्ताधारी इसे खदेड़ अपने कर्मियों को बचाने की कोशिश करते दिखाई देते हैं।