नागपुर: हलबी अनुसूचित जनजाति से संबंधित जाति वैधता के मामले में झूठ छुपाने पर नागपुर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता मुरलीधर खडगे की याचिका खारिज कर दी और 10,000 रुपये का जुर्माना भी ठोका। खडगे हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) का कर्मचारी है।
मामला उस वक्त सामने आया जब खडगे ने 2 अप्रैल 2025 को HPCL द्वारा जारी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता का दावा था कि उनके दादा उकारडा किसन के स्कूल रजिस्टर में “हलबी” जाति दर्ज है, जो कि संविधान-पूर्व काल की प्रविष्टि है और प्रमाण के रूप में सर्वोच्च मानी जानी चाहिए।
वहीं समिति की ओर से प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, जांच में पाया गया कि खडगे के अन्य रक्त संबंधियों, विशेषकर गजानन नामदेवराव, ने स्वयं को ‘कोष्टी’ जाति से संबंधित बताया है और उनके पक्ष में 2014 में वैध जाति प्रमाणपत्र (SBC – कोष्टी) जारी किया गया था। यह तथ्य खडगे ने बार-बार अदालत से छिपाया।
कोर्ट ने कहा कि यह तथ्य छिपाना गंभीर मामला है, और न केवल याचिका खारिज की जाती है, बल्कि याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है।
निष्कर्ष: अदालत ने स्पष्ट किया कि झूठ या तथ्य छिपाने की कोशिश न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है, और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।