Published On : Sat, Oct 18th, 2014

ब्रम्हपुरी : सातबहिणी मंदिर परिसर में मिली हनुमानजी की मूर्ति

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सात फुट खुदाई के बाद मिली मूर्ति

युवती को देवी ने साक्षात्कार में दी थी जानकारी

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ब्रम्हपुरी (चंद्रपुर)
तालुका के ग्राम धानोलीपोहा चक के निकट जंगल परिसर में स्थित सातबहिणी माता मंदिर परिसर में एक नीम के पेड़ के पास आज की गई खुदाई में हनुमानजी की एक मूर्ति मिली है. धानोलीपोहा चक की एक 18 वर्षीय की निशानदेही पर उक्त मूर्ति पाई गई है.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार मालडोंगरी से गांगलवाड़ी के रास्ते से सटे जंगल के इलाके में सात बहिणी माता का मंदिर है. इस मंदिर की पूर्व दिशा में धानोलीपोहा चक गांव स्थित है. पौर्णिमा ज्ञानेश्वर मेश्राम नामक 18 वर्षीय युवती इसी गांव में रहती है. बताया जाता है कि पौर्णिमा को देवी ने साक्षात्कार देकर बताया था कि मंदिर परिसर में नीम के पेड़ के नीचे एक मूर्ति विराजमान है. पहले तो गांव के लोगों ने पौर्णिमा की बात पर भरोसा नहीं किया. लोकिन जब पौर्णिमा अपनी बात पर अड़ी रही तो ग्राम मालडोंगरी और धानोलीपोहा चक गांव के लोगों ने आज शनिवार को ग्राम सभा बुलाई और पौर्णिमा के बताए स्थान पर खुदाई करने का फैसला किया.  सुबह 11 बजे विधिवत पूजा-अर्चना के बाद खुदाई शुरू की गई. करीब 7 फुट की खुदाई के बाद करीब चार से साढ़े चार फुट लंबी पत्थर की हनुमानजी की मूर्ति आड़ी अवस्था में पाई गई. उस वक्त शाम के कोई 5 बजे थे. गांववासियों ने पूजा-अर्चना की, लेकिन मूर्ति विशाल होने के कारण बाहर निकाली नहीं जा सकी. मूर्ति बाहर निकलने में अभी बहुत समय लगने की संभावना है. खबर लिखे जाने तक खुदाई जारी थी.

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दैवीय चमत्कार या सिर्फ संयोग?

धानोलीपोहा चक गांव के लोग तय नहीं कर पा रहे हैं कि यह कोई चमत्कार है या सिर्फ संयोग ही. ग्रामीणों ने बताया कि नवरात्र के मौके पर पौर्णिमा के शरीर में सातबहिणी देवी आई और मंदिर परिसर में हनुमानजी की मूर्ति होने की बात कही. इतना ही नहीं, पौर्णिमा दौड़ते हुए नीम के पेड़ के नीचे पहुंच गई और कहा, यहीं मेरा भाई है.

उन्होंने बताया कि पहले तो उनका पौर्णिमा और उसकी बात पर विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन बाद में फिर पौर्णिमा के शरीर में देवी का संचार होने और कई
चमत्कारिक घटनाएं होने के कारण लोगों ने उस पर भरोसा किया और खुदाई करने का फैसला किया गया. हनुमानजी की मूर्ति मिलने की खबर आसपास के इलाके में फैलने के बाद तमाशबीनों की भीड़ गई है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कोई चमत्कार है या फिर सिर्फ संयोग ही?

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