Published On : Mon, Jun 12th, 2017

गुरुब्रम्हा : जिलाधिकारी ने दिया सह-दुय्यम निबंधक को रजिस्ट्री कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश

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Guru Brahma

नागपुर: वर्तमान और पूर्व मनपा आयुक्त ने मलबार कॉलोनी के रहवासी सोसाइटी की शिकायत एवं प्रस्तुत कागजातों के आधार पर मनपा नगर रचना विभाग प्रमुख को उक्त कॉलोनी परिसर में निर्मित हो रही ‘गुरुब्रम्हा’ फ्लैट स्कीम संबधी कागजी कार्रवाई रोकने सह लगाए गए आरोप के आधार पर, प्रत्यक्ष मुआयना कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। एक ओर प्रशासन प्रमुख की गंभीरता नज़र आ रही है तो दूसरी ओर नगर रचना विभाग पूर्व आयुक्त के चले जाने एवं विद्यमान आयुक्त के नयेपन का फायदा उठाकर मामले को लीपापोती करने में लीन है. विभाग प्रमुख ने नए मनपायुक्त को यहाँ तक जानकारी दे डाली की उक्त फ्लैट स्कीम पूर्ण निर्मित हो चुकी है, जबकि निरंतर काम शुरू रहा, तो भी संभवतः आगामी दीपावली तक फ्लॅटधारको को कब्ज़ा दिए जाने की स्थिति में रहेंगे। वैसे ५ जून २०१७ को नागपुर शहर मुद्रांक जिलाधिकारी व सह-दुय्यम निबंधक वर्ग-१ को ५ जून को ‘गुरु ब्रम्हा ‘ इमारत पर रजिस्ट्री कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। अब देखना यह है कि नागपुर शहर मुद्रांक जिलाधिकारी व सह-दुय्यम निबंधक वर्ग-१ उक्त आदेश/निर्देश का पालन करते है, या फिर टालमटोल रवैया अपनाते है.

मनपा से नहीं ली अनुमति
बिल्डर अपने स्कीम के लिए ट्रांसफार्मर मलबार कॉलोनी के मार्ग पर स्थापित कर रहा था,कॉलोनी के सोसाइटी ने स्थापित नहीं करने दिया।तो बिल्डर से गिट्टीखदान थाने में शिकायत की.सोसाइटी ने थाना प्रशासन को जानकारी दी कि स्थापित किये जा रहे स्थान के लिए मनपा प्रशासन की अनुमति अनिवार्य है.उन्होंने थाना प्रशासन को मनपा का पत्र दिखाया कि मनपा ने बिल्डर को ट्रांसफर्मर स्थापित करने की अनुमति नहीं दी है,याने बिल्डर ने अनुमति नहीं ली.

सिटी सर्वे क्रमांक ३ संदेह के घेरे में
सम्बंधित तहसीलदार ने मार्गदर्शन में मलबार कॉलोनी के सोसाइटी की शिकायत पर जिलाधिकारी के आदेश पर २० अप्रैल २०१७ को भूमापन की थी.जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था.फिर तहसीलदार ने २२ मई २०१७ को भूमापन करने हेतु सिटी सर्वे क्रमांक ३ को आदेश दिया था.लेकिन २ सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भूमापन नहीं हुआ.इस मामले पर तहसीलदार ने संदेह प्रकट करते हुए जिलाधिकारी को कल १२ जून को पत्र लिख सिटी सर्वे क्रमांक १ या २ से करवाने की मांग की.

खसरा क्रमांक २/१ का सदुपयोग या दुरूपयोग
चर्चा है की, उक्त सम्पूर्ण परिसर भोसलेकालीन है, भोसले के दान बाद यह जमीन पंजाबराव देशमुख की थी. इसके बाद इस परिसर का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार के एमइसीएल और कुछ हिस्सा राज्य सरकार के हिस्से में आया. जहाँ तक खसरा क्रमांक २ की कहानी यह है की, इस खसरे का ५ बराबरी का हिस्सा किया गया. जैसे २/१, २/२, २/३, २/४ व २/५ ।

खसरा क्रमांक २/५ संपूर्ण खसरे के मालिक देशराज के ‘लीगल हेयर’ के कब्जे में है. खसरा क्रमांक २/१ देशराज की बेटी का था, जिसे ‘आरकेएनइसी’ प्राध्यापक विनय व टीजी सिंह ने ख़रीदा था, यह जगह २२५०।०५ वर्ग मीटर थी. मलबार कॉलोनी रेसिडेंसियल असोसिएशन के अनुसार विनय ने उक्त जगह में से १४४५ वर्ग मीटर जगह पर ८ प्लॉट ( क्रमांक १,२,३,४,५,२२,२३,२४) बेचे। इसके अलावा ८०५.०५ वर्ग मीटर जगह परिसर में सड़क के लिए छोडी थी.

वहीं प्लॉट क्रमांक २३ के समक्ष विनय खसरा क्रमांक २/१ अंतर्गत अपनी जगह दर्शाकर मनपा नगर रचना विभाग से ‘बिल्डिंग प्लान’ मंजूर करवाकर विगत कुछ माह से एक इमारत खड़ी कर रहा है. विनय के हिसाब से इस स्कीम में १९ फ्लैट है. इनके अनुसार यह जगह उसकी व् खसरा क्रमांक २/१ अंतर्गत है. अगर विनय सही है, तो निसंदेह मलबार कॉलोनी रेसिडेंसियल असोसिएशन के कुछ प्लाट अनधिकृत हो सकते है. ऐसी चर्चा है की, विनय-राजा के करीबी तिवारी ने एसोसिएशन के पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी. जबकि उक्त सभी प्लाट विनय ने ही बेचे थे, पर किसी को ‘अधिकृत कागजात ‘ नहीं दिये था. यह गुत्थी तो जिला प्रशासन की सुनवाई एवं मनपा नगर रचना विभाग की जाँच/भूमि गणना के बाद ही सुलझेगी।

प्लाट ३९ व ३९ अ किसने किया मंजूर ?
मलबार कॉलोनी में उक्त विवादस्पद इमारत का निर्माण खसरा क्रमांक २/१ अंतर्गत ‘प्लाट क्रमांक ३९ अ’ दर्शाया गया है. एसोसिएशन को विनय से पता चला की, उनके कॉलोनी में प्लाट क्रमांक ३९ व प्लाट क्रमांक ३९अ भी है. एसोसिएशन ने विनय और नासुप्र से जानना चाहा की, यह प्लाट कहाँ से आया, किस खसरे का है, किसने मंजूर किया और कौन मालिक है? लेकिन उक्त सवाल का ठोस जवाब न नासुप्र ने दिया नाही विनय ने।

विनय, गुलाब, राजा की भूमिका
एसोसिएशन के पदाधिकारी के अनुसार उन्हें राजा के करीबी तिवारी ने जानकारी दी की, निर्मित हो रही उक्त विवादस्पद रूप अख्तियार कर चुकी इमारत जिस जगह पर बन रही है, उस जगह का मालिक विनय ने खुद को दर्शाया है. इस जमीन पर मंजूर नक्शे के अनुसार बतौर विकासक गुलाब – राजा का निवेश है. इस इमारत में कुल १९ में से १४ फ्लैट बेचे गए है, शेष ५ फ्लैट आपसी समझौते के तहत बाँट लिए गए है.

असोसिएशन की दौडमभाग जारी
असोसिएशन के पदाधिकारी ने २५ अप्रैल की रात पूर्व मनपा आयुक्त हर्डीकर को उक्त मामलात की जानकारी दी, तो बिना समय गवाए हर्डीकर ने उनसे कहा की, उन्होंने नगर रचना प्रमुख को २५ अप्रैल की शाम ४ बजे कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इसी दिन दोपहर तहसीलदार ने एसोसिएशन को उक्त मामले की सुनवाई में अपना पक्ष रखने हेतु आगामी ५ मई को उपस्थित रहने की लिखित सूचना दी जो अनमने ढंग से पूरी की गई.

मई माह में एसोसिएशन के पदाधिकारी नगर रचना विभाग प्रमुख से मिले, तो विभागप्रमुख ने जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन विभाग प्रमुख की चुप्पी समझ से परे है. अक्सर मनपा गैर कृत मामलों में नोटिस देकर अपना पल्ला झाड़ देती है. २७ अप्रैल को एसोसिएशन के पदाधिकारी जिला प्रशासन के राजस्व उपजिलाधिकारी सुभास चौधरी से मिले, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को सलाह दी की नए मनपायुक्त से मिलें, उनकी सलाह पर सभी पदाधिकारी मनपायुक्त मुद्गल से मिले और उन्हें उक्त मामलात की जानकारी दी तो उन्होंने मामले की गंभीरता देख नगर रचना विभागप्रमुख को निर्देश दिए की प्रत्यक्ष घटनास्थल जाकर जांचकर उसकी अविलंब रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये। तो दूसरी ओर से नगर रचना विभागप्रमुख ने मनपायुक्त को जानकारी दी की, उक्त विवादस्पद इमारत पूर्ण रूपेण बन कर तैयार है, जबकि अभी इसमें २-३ माह देरी है.