Published On : Mon, Sep 16th, 2019

सामाजिक और बौद्धिक जागृति हेतु दिया मार्गदर्शन

Advertisement

धम्म प्रचारक सम्मेलन में विद्वान वक्ताओं ने रखें विचार
.

सौंसर: सामाजिक और बौद्धिक जागृति के लिए हमें तथागत भगवान बुद्ध, संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों को अंगीकार कर अनुसरण कर समझना होगा। तभी समाज में व्याप्त बुराइयों, पाखंड, अंधसंस्कारों से हम दूर होकर सत्यमार्ग की ओर जा सकते हैं। बहुजन समाज की वर्तमान स्थिति को देखे तो अब सामाजिक क्रांति अत्यंत आवश्यक हैं। उक्त विचार विद्वान विचारकों के द्वारा बुद्ध धम्म प्रचार समिति काजलवाणी द्वारा नागपुर में आयोजित धम्म प्रचारक सम्मेलन में कहे गये।

सम्मेलन की शुरुआत समिति अध्यक्ष डॉ वाय एल ठवरे के द्वारा तथागत बुध्द और डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर के छायाचित्र समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई। समिति संरक्षक सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त के. सोमकुंवर द्वारा प्रस्ताविक रखा गया। जिसमें डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा लिखित बुध्द और उनका धम्म के अनुसार धम्म का प्रचार और प्रसार होना चाहिए, जिसमे समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय पर आधारित को समाज मे अच्छे से प्रचार- प्रसार धम्म प्रचारको द्वारा देश के चारो कोनो में करना चाहिए बताया।

Gold Rate
19 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,32,000/-
Gold 22 KT ₹ 1,22,800 /-
Silver/Kg ₹ 1,98,700/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

बताया कि संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर के कारण शोषित, पीड़ित, गरीब, मजदूर, महिलावर्ग, सर्वहारा वर्ग को संवैधानिक अधिकारों का सहारा मिला है, उन अधिकारो से ही आज किसी भी वर्ग के लोगो का उत्थान होकर डॉ, इंजीनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, शिक्षक, कलेक्टर, और बड़े बड़े प्रशासनिक पदों के साथ मंत्री, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति बन पा रहे है। भारतीय संविधान लागू होने के पूर्व किसी भी वर्ग के लोग बड़े बड़े पदों पर नही जा सकते थे। समाज को बुद्ध और आंबेडकरी, सामाजिक क्रांति से अवगत कराना, समय की आवश्यकता है, इस हेतु धम्म प्रचारको को भूमिका सम्बधी मार्गदर्शन दिया गया।

धम्म प्रचारको ने सामाजिक कार्य करने के दौरान आने वाली समस्याओं से सम्मेलन में अपने विचार रखे। विचारकों में हदेश सोमकुंवर, सुनील गणवीर ने समस्याओं पर समाधान कराया। छत्तीसगढ़ से आये धम्म प्रचारक आर आर एल रवि अधिवक्ता छत्तीसगढ़, जे. एल रात्रे कोरिया समिति द्वारा अंधश्रद्धा मुक्त करने हेतु कुछ सुझावात्मक प्रस्ताव भी रखे गए। सुभाष शेंडे नागपुर, इंजी. जोगीराम खोब्रागडे नागपुर, इंजीनियर रंजीता नारनवरे ने बुद्ध के सामाजिक संदेश में बहुजन समाज की बौद्धिक जागृति, और जाति निर्मूलन के विषय पर मार्गदर्शन दिए।

सम्मेलन में समिति संरक्षक के सोमकुंवर, अध्यक्ष डॉ वाय एल ठवरे, सचिव अजय शेंडे, उपाध्यक्ष मोरेश्वर रंगारे द्वारा सम्मेलन का संचालन किया गया, सतीश घोटेकर, अनिल डोंगरे, अशोक , सुदेश सोमकुंवर, सुनील दलवीर, एस एम ठवरे, लता नागदवने, शांतकला उपरे, रेखा शेंडे, सहित बड़ी संख्या में धम्म प्रचारक, कार्यकर्ता उपस्थित थे।

7 प्रस्ताव लिए गए

सम्मेलन में समिति द्वारा 7 प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिसमे बुद्ध धम्म संदेश रैली के साथ क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने भ्रमण कर लोगो से सम्पर्क करना, और धम्म समझा या नही जानकारी लेना। डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा लिखित बुध्द और उनका धम्म पर आधारीत धम्म प्रचार करना, बुद्ध का सामाजिक संदेश समता, स्वतंत्रता, बन्धुता और न्याय को प्रसारित करना, जाति ही समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व की शत्रु है, इसलिए जाति निर्मूलन हेतु बहुजन समाज को जागरुक करना। बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ का अभ्यास वर्ग प्रत्येक बुद्ध विहारों में होना चाहिए, जिसमे धम्म प्रचारक और अभ्यासक ग्रंथ का अभ्यास करें।

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement