Published On : Wed, May 7th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

कुछ क्षेत्रों में भूजल प्रदूषण की स्थिति गंभीर, हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग को भेजा नोटिस

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नागपुर: नगर निगम द्वारा शहर को पेयजल आपूर्ति की जा रही है, लेकिन गर्मी के मौसम में जल संकट की स्थिति में नागरिक अब भी कुओं पर निर्भर रहते हैं। दुर्भाग्यवश, अधिकांश कुओं का पानी पीने योग्य नहीं है — यह खुलासा स्वयं मनपा ने आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में किया है। इस मुद्दे को उजागर करते हुए याचिकाकर्ता संदेश सिंगलकर ने कोर्ट से इन कुओं की मैपिंग के निर्देश देने की मांग की है।

बुधवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने माना कि कुछ इलाकों में भूजल प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। इस आधार पर कोर्ट ने जल संसाधन विभाग को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करते हुए नोटिस जारी किया और जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता स्मिता सिंगलकर, मनपा की ओर से अधिवक्ता सुधीर पुराणिक और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) की ओर से अधिवक्ता सन्याल उपस्थित रहे।

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सुनवाई के मुख्य बिंदु:

बुधवार को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (Central Ground Water Authority) की ओर से हलफनामा पेश किया गया, जिसमें कई कमियों की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया। हालांकि, विभाग का कोई भी अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं था, जिससे संतोषजनक उत्तर नहीं मिल सका। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी, लेकिन विभाग द्वारा अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करने का आश्वासन दिए जाने के चलते मामला टल गया।

प्राधिकरण के वकील ने बताया कि अधिसूचित क्षेत्रों, किए गए सर्वेक्षण और सर्वेक्षण स्थलों की पूरी जानकारी अगली सुनवाई में दी जाएगी।

कोर्ट की टिप्पणी:

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि भूजल को प्रदूषण से बचाना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां स्थिति गंभीर है। राज्य और स्थानीय निकायों द्वारा इस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों का उल्लेख भी हलफनामे में करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने आशा जताई कि राज्य सरकार और केंद्रीय भूजल प्राधिकरण इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि केंद्रीय निर्देशों के अनुसार, भूजल दोहन के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति अनिवार्य है। इसके बाद हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 19 जून तक पूरे प्रकरण का अध्ययन करने के आदेश दिए।

मनपा की रिपोर्ट में सामने आई स्थिति:

मनपा के स्वामित्व में कुल कुएं: 636

पीने योग्य पानी वाले कुएं: 348

उपयोग के लायक नहीं कुएं: 359

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