नागपुर: सरकार ने देश में स्कूल एजुकेशन सिस्टम में सुधार करने की योजना बनाई है. इसमें सभी राज्यों के स्कूल सिस्टम के आकलन के लिए एक ग्रेडिंग इंडेक्स बनाने, कक्षा 1 से 10 तक के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए चार वर्ष का इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करने और एक डिजिटल बोर्ड के गठन की बात शामिल है.
हर राज्य के स्कूल एजुकेशन सिस्टम में कमियों की पहचान के लिए सरकार परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) का इस्तेमाल करेगी. यह इंडेक्स ह्यूमन रिसोर्स डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री बना रही है. 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें शामिल होने की पुष्टि कर दी है.
स्कूल सिस्टम की ग्रेडिंग के लिए 70 इंडिकेटर्स का इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें शिक्षकों के खाली पदों की संख्या और स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होंगे . इंडेक्स राज्यों को 1,000 प्वाइंट ग्रेडिंग सिस्टम पर आकलन करेगा. इसमें प्रति पैरामीटर 10-20 प्वाइंट होंगे.
इसका उद्देश्य राज्यों को उनकी कमियों को समझने और सुधार करने में मदद करना है, जिससे उनका स्कूल एजुकेशन सिस्टम प्रत्येक लेवल पर मजबूत बन सके. सुधार वाले प्रोजेक्ट्स में मदद के लिए सरकार एक अलग फंड भी बनाएगी. नीति आयोग पहले अपने स्तर पर स्कूल एजुकेशन क्वॉलिटी इंडेक्स तैयार कर रहा था.
आयोग अपने आकलनों के लिए PGI के तहत 70 में से 33 क्राइटेरिया का इस्तेमाल करेगा. सरकार स्कूलों में क्वॉलिटी और टीचर ट्रेनिंग को सुधारने पर जोर दे रही है. इंडेक्स के अलावा नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) टीचर ट्रेनिंग को बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ असेसमेंट बनाने में एचआरडी मिनिस्ट्री की मदद कर रहा है. सरकार प्रत्येक स्कूल को एक डिजिटल बोर्ड भी उपलब्ध कराएगी. इससे स्कूलों में विभिन्न भाषाओं में ई-लर्निंग मैटीरियल उपलब्ध हो सकेगा.
एचआरडी मिनिस्ट्री अगले वर्ष से चार वर्ष का इंटीग्रेटेड बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) कोर्स भी शुरू करने की योजना बना रही है. इससे कक्षा 1 से 10 के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग देने में मदद मिलेगी. इस कोर्स में इंटर्नशिप पर काफी जोर दिया जाएगा. इसे केंद्रीय और राज्य की यूनिवर्सिटीज के तहत आने वाले टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के साथ लॉन्च किया जाएगा. इसमें प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स को भी शामिल करने की योजना है.
ऐसा पता चला है कि अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी चार वर्ष के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को शुरू करना चाहती है. चार वर्ष के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स से अच्छी क्वॉलिटी वाले शिक्षकों का एक पूल तैयार करने में मदद मिलेगी. सूत्रों ने बताया कि इस कोर्स में टीचिंग के लिए मॉडर्न टूल्स और ई-लर्निंग का इस्तेमाल शामिल होगा.