Published On : Tue, Aug 7th, 2018

धीरुभाई अंबानी अस्पताल को सरकार का समर्थन

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रायगड के लोधीवली स्थित धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ शिकायत आने के बाद आरोग्य सेवा मंडल ने दौरा कर सरकार को सौंपी हुई रिपोर्ट उप निदेशक,आरोग्य सेवा,मुंबई मंडल ने देने से इनकार किया हैं.अस्पताल की जानकारी सार्वजनिक क्रियाकलाप से न जुड़ी होने का दावा करते हुुुए महाराष्ट्र सरकार नर अपरोक्ष तऱीके से धीरुभाई अंबानी अस्पताल में सुरु धांधली का समर्थन किया हैं.

रायगड के लोधीवली स्थित धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ आई हुई शिकायत के बाद डॉ रत्ना रावखंडे, उपनिदेशक, आरोग्य सेवा मंडल ने 22 दिसंबर 2017 को अस्पताल का दौरा करते हुए उसकी रिपोर्ट सरकार को पेश की. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इसी रिपोर्ट की कॉपी मांगने पर उपनिदेशक,आरोग्य सेवा मंडल के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी महेश बोडले ने अनिल गलगली को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 (त्र) के अंतर्गत जानकारी देने से इनकार किया.

सूचना का अधिकार, 2005 की धारा 8 (त्र) में उल्लेख है कि इस अधिनियम में निहित कोई बात के होते हुए भी किसी नागरिक को ऐसी सूचना देने में कोई बाधा नहीं होगी जिसका व्यक्तिगत सूचना से संबंध हो, जिसके प्रकटन का किसी सार्वजनिक क्रियाकलाप या हित से कोई नाता ना हो या जिससे व्यक्ति विशेष की निजता का अनाधिकृत रूप से हस्तक्षेप होता हो, जब तक केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी या अपीलीय प्राधिकारी जैसी भी स्थिति हो संतुष्ट नहीं हो जाता है कि बड़े जनहित में ऐसी सूचना का प्रकटन न्‍यायोचित है परन्तु यह तब जबकि सूचना को संसद या किसी राज्य विधान सभा को नकारा ना जा सकता होए तो किसी व्‍यक्ति को भी नहीं नकारा जाएगा.

सूचना देने में कोई बाधा नहीं होगी जिसका व्यक्तिगत सूचना से संबंध हो, जिसके प्रकटन का किसी सार्वजनिक क्रियाकलाप या हित से कोई नाता ना हो या जिससे व्यक्ति विशेष की निजता का अनाधिकृत रूप से हस्तक्षेप होता हो, जब तक केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी या अपीलीय प्राधिकारी जैसी भी स्थिति हो संतुष्ट नहीं हो जाता है कि बड़े जनहित में ऐसी सूचना का प्रकटन न्‍यायोचित है परन्तु यह तब जबकि सूचना को संसद या किसी राज्य विधान सभा को नकारा ना जा सकता होए तो किसी व्‍यक्ति को भी नहीं नकारा जाएगा.

अनिल गलगली के अनुसार लोधीवली के धीरुभाई अंबानी अस्पताल के खिलाफ शिकायत बढ़ने के बाद भी सरकारी स्तर पर कार्रवाई नहीं हो रही हैं और रिपोर्ट को गत 7 महीने से छिपाया जा रहा हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आरोग्य मंत्री डॉ दीपक सावंत को पत्र भेजकर यह रिपोर्ट ताबड़तोड़ सार्वजनिक करते हुए रिपोर्ट की जानकारी न देनेवाले मुख्य प्रशासकीय अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की हैं.

यह रिपोर्ट पेश होते ही निर्णय लेते हुए कार्रवाई करना आवश्यक होते हुए आखिर इस रिपोर्ट में ऐसी कौनसी जानकारी छिपी हैं? यह सवाल करते हुए गलगली ने कहा कि इस रिपोर्ट को सरकार स्वयंस्फूर्त होकर प्रकाशित करे.