Published On : Fri, Dec 28th, 2018

शिक्षण प्रसारक मंडल में सरकारी सड़क को गिरवी रखी

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काटोल नगरपरिषद और नागपुर नागरिक सहकारी बैंक मौन,सिर्फ भेज रहा लेटरबम

नागपुर: काटोल नगरपरिषद की सड़क गिरवी रखने का मामला सार्वजानिक होने और क़ानूनी सलाह में फौजदारी गुनाह दाखिल करने की शिफारिश के बाद नगरपरिषद प्रशासन ठोस कार्रवाई करने मामले में आनाकानी कर रहा.शिकायतकर्ता नगरसेवक राजेश योगेश राठी ने बैंक प्रबंधन व जिला प्रशासन का इस ओर ध्यानाकर्षण करवाते हुए सम्बंधित सभी दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की हैं.

राठी के अनुसार काटोल नगरपरिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने २ अगस्त २०१८ को शिक्षण प्रसारक मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र देशमुख,उपाध्यक्ष निरंजन राऊत व सचिव योगेश पांडे को पत्र लिख सूचित किया कि मौजा काटोल स्थित सिटी सर्वे क्रमांक १४४४,अंतिम भूखंड क्रमांक ९,१०,११ में सरकारी पशु चिकित्सा दवाखाना व दयाराम मेटांगले के निवास से मसीह सर के घर तक जाने वाली सड़क नगरपरिषद की संपत्ति हैं.नगरपरिषद प्रशासन द्वारा नियमित मरम्मत व देखभाल किया जाता हैं.

काटोल शहर के अंतिम नगर रचना योजना क्रमांक १ के अनुसार शिक्षक प्रसारक मंडल द्वारा संचालित नबीरा महाविद्यालय का अंतिम भूखंड क्रमांक ९,१०,११ हैं.मंडल के पास ६.९५५ एकड़ जमीन हैं.

राठी ने बताया कि उनकी शिकायत पर नगरपरिषद के ‘सीईओ’ ने गंभीरता से नहीं लिया।उनके लगातार स्मरण में लेन से प्रशासन दबाव में आये फिर उन्होंने परिषद् के क़ानूनी सलाहकार अधिवक्ता तेजस केने से सलाह ली.उन्होंने मामले में गैर व्यवहार को सही ठहराते हुए मंडल के संचालकों पर फौजदारी मामला दर्ज करने की लिखित सलाह दी.

इसके बाद नगरपरिषद ने मंडल को लिखित जानकारी दी कि उन्हें शिकायत मिली की नागपुर नागरिक सहकारी बैंक की काटोल शाखा में ३४५८६.७० वर्ग मीटर जगह गिरवी रखने सम्बन्धी काटोल के दुय्यम निबंधक कार्यालय में पंजीकृत करवाई गई है.जिसमें सरकारी पशु चिकित्सा दवाखाना व दयाराम मेटांगले के निवास से मसीह सर के घर तक जाने वाली सड़क नगरपरिषद का समावेश हैं.

मंडल ने नगरपरिषद की उक्त जमीन गिरवी रखने मामले में नगरपरिषद की ‘एनओसी’ नहीं ली,जो की गैरकानूनी हैं.अगले ३ तीन में उक्त मामलात पर अपना लिखित स्पष्टीकरण दें,अन्यथा कानूनन कार्रवाई की जाएंगी।

मंडल ने नगरपरिषद को स्पष्टीकरण में साफ़ किया कि उनसे गलती हुई हैं.अर्थात मंडल ने बैंक में गिरवी रखी संपत्ति का मामला रद्द (मॉडगेज रद्द )करना चाहिए,जिससे नगरपरिषद की सड़क स्वतंत्र हो जाएंगी। फिर सिर्फ मंडल के संपत्ति को मॉडगेज कर बैंक से आर्थिक व्यवहार करें,यह सलाह शिकायतकर्ता ने बैंक प्रबंधन,शिक्षण प्रसारक मंडल और नगरपरिषद को दी.

इसके बाद ३० नवम्बर २०१८ को पुनः काटोल नगरपरिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मंडल को लिखित पत्र भेज सूचित किया कि मंडल ने २९ अक्टूबर २०१८ को जो स्पष्टीकरण भेजा,उससे नगरपरिषद प्रशासन को कानून में प्रावधान के अनुसार समाधान नहीं हुआ इसलिए ५ दिसंबर २०१८ की ११ बजे नगरपरिषद में आवश्यक कागजातों के साथ हाजिरी लगाए।

उल्लेखनीय यह हैं कि नगरपरिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उक्त मामले के आरोपी शिक्षण प्रसारक मंडल पर कड़क कारवाई के बदले मोहलत दर मोहलत देते आ रहे.उक्त बैंक भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा.इसलिए शिकायतकर्ता नगरसेवक राजेश योगेश राठी ने बैंक प्रबंधन व जिला प्रशासन का इस ओर ध्यानाकर्षण करवाते हुए सम्बंधित सभी दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की हैं.