पालकमंत्री के साथ हुई बैठक में समस्या के निवारण के लिए 10 सदस्यीय कमिटी के गठन का फैसला
नागपुर: निर्दलीय विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में शुरू गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों का आंदोलन समाप्त हो गया। आंदोलनकारियों की माँगो को लेकर सकारात्मक फैसला लिए जाने का मुख्यमंत्री से आश्वाशन मिलने के बाद आंदोलन को ख़त्म किया गया। शुक्रवार दोपहर अचानक हजारों प्रकल्पग्रस्त नागपुर के सिविल लाइन्स स्थित विधायक निवास पहुँचे और पूरे परिसर को घेर लिया था। ये आंदोलन शनिवार दोपहर 3 बजे तक जारी रहा और आंदोलनकारियों के साथ अमरावती जिले के अचलपुर से निर्दलीय विधायक बच्चू कडू भी डंटे रहे।
शनिवार को आंदोलनस्थल पर खुद जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को पहुँचना पड़ा। पालकमंत्री ने बच्चू कडू से आंदोलनकारियों का पक्ष जाना और प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं को सुलझाने के लिए आनन-फ़ानन में मुख्यमंत्री के सचिवालय हैदराबाद हॉउस में बैठक ली। इस बैठक में जिलाधिकारी अश्विन मुदगल जिला परिषद सीईओ,गोसीखुर्द प्रकल्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस बैठक में पालकमंत्री ने डैम का जलस्तर कम करने और जिन गाँवो की मुलभुत सुविधाएं बिजली,पानी आंगनवाड़ी केंद्र,स्कूलों बंद किया गया उसे दोबारा तुरंत शुरू करने का आदेश दिया। प्रकल्पग्रस्तों के मुआवज़े की माँग के संबंध में एक 10 सदस्यीय समिति के गठन का फ़ैसला लिया गया है। इस समिति में पांच अधिकारी और पांच प्रकल्पग्रस्तों के प्रतिनिधि होंगे। बैठक के दौरान खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बच्चू कडू से फ़ोन पर बातचीत हुई। कडू के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रकल्पग्रस्तों की माँगो पर संजीदगी से विचार कर समस्या का समाधान निकालने का आश्वाशन दिया है।
अधिकारी की लापरवाही से आयी नौबत
विधायक कडू ने बताया कि प्रकल्पग्रस्तों के इस उग्र आंदोलन के लिए प्रकल्प के अधिकारी जिम्मेदार है। यह समस्या डैम के आस-पास के सात गांव की है। यहाँ के लोगो की आधी ज़मीन प्रकल्प के लिए ली गई जबकि आधी छोड़ दी गई। जिस ज़मीन का अधिग्रहण किया गया वहाँ इनका निवास था। जबकि प्रकल्पग्रस्तों को 50 किलोमीटर दूर ले जाकर बसाया गया। इन लोगो की आजीविका का साधन खेती है और इतनी दूर से आकर रोज खेती-किसानी करना किसी भी रूप में व्यावहारिक नहीं इसलिए ये लोग अपना गाँव छोड़ने को तैयार नहीं।
इन्हे यहाँ से भागने के लिए प्रशासन ने सारे हथकंडे अपनाये। इनसे सरकार के द्वारा दी जाने वाली सभी मुलभुत सुविधाएं छीन ली गई। अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए इन्हे उग्र आंदोलन करना पड़ा। प्रकल्प के अधिकारी और प्रशासन मुख्यमंत्री को गुमराह करता रहा। ऐसा न होता तो इस समस्या का कब का समाधान निकल जाता।
12 घंटे विधायक निवास में डंटे रहे आंदोलनकारी
अपने अनोखे आंदोलनों के लिए पहचाने जाने वाले विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व के आंदोलनकारी विधायक निवास में करीब 12 घंटे डटे रहे। इस दौरान उन्होंने उग्र रूप दिखाते हुए तोड़फोड़ भी की। रात में भी हजारों लोग यही रुके। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग ईमारत की छत पर पहुँच गए और सुरक्षा दिवार पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। इस उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त विधायक निवास के इर्दगिर्द लगाया गया था। पुलिस ने कडू के साथ आंदोलनकारियों को समझाने का कई बार प्रयास किया लेकिन वो नहीं माने।