Published On : Tue, May 19th, 2020

बंगाल की रानू मंडल और गोंदिया की कमला राठौड़.. तेरी मेरी , मेरी तेरी.. एक कहानी

Advertisement

ढलती उम्र में भी गाना गाकर पेट गुज़ारा

गोंदिया: इंसान अपने संपूर्ण जीवन में हालातों से लड़ता और आगे बढ़ता है , लेकिन जिंदगी बहुत कीमती होती है और उसकी अहमियत वहीं समझ पाते हैं जो इसको जीने का माद्दा रखते हैं।

Gold Rate
15 May 2025
Gold 24 KT 92,100/-
Gold 22 KT 85,700/-
Silver/Kg 94,800/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

बंगाल के नदिया जिले की रानू मंडल और महाराष्ट्र के गोंदिया जिले की कमला राठौड़ के पास जीने का कोई साधन नहीं है लिहाजा ढलती उम्र तक का सफर तय करने के बाद भी दोनों पेट भरने के लिए गाना गा कर गुजारा करती हैं।

रानू मंडल ने राणाघाट के रेलवे स्टेशन पर 21 जुलाई 2019 को लता मंगेशकर का प्रसिद्ध गीत- एक प्यार का नगमा है गायी थी जिसे स्टेशन पर बैठे अरविंद्र चक्रवर्ती ने मोबाइल से शूट किया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और उसने रानू मंडल की किस्मत ही बदल दी। सुरीली आवाज को सुनकर हिमेश रेशमिया ने रानू मंडल को मुंबई बुलाया और अपनी आने वाली फिल्म हैप्पी हार्ड एंड हीर का गाना – तेरी-मेरी , मेरी- तेरी… तेरी मेरी कहानी.. रिकॉर्ड करवाया और आज वह किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं, लेकिन गोंदिया के रामनगर इलाके की निवासी कमला राठौड़, रानू मंडल जितनी खुशकिस्मत नहीं है।

कुछ ऐसा रहा.. गोंदिया से मुंबई बॉलीवुड का सफर
कमला राठौड़ बताती हैं उन्हें बचपन से ही गाना गाने का शौक था बच्चे मन के सच्चे.. उनका स्टेज पर गाया पहला सॉन्ग है‌।
ना तो उन्होंने गायन के क्षेत्र में विशारद की है और ना ही उनका कोई उस्ताद रहा है ?

कला यह ईश्वरीय देन होती है मगर उसे संवारना पड़ता है ।
1973 में रूपाली नामक डांसर से उनकी मुलाकात रायपुर में हुई जिसने कहा- तुम्हारी आवाज बहुत सुरीली है तुम मुंबई आना हमारे साथ रहना वहां तुम्हें काम मिल जाएगा ?

जिसके बाद में मुंबई गई तथा प्रभादेवी रोड पर मूलजी हाउस में पेईंग गेस्ट के तौर पर किराए का कमर लेकर रही और संघर्ष शुरू किया ।
संगीतकार रविंद्र जैन , श्याम जी -घनश्याम जी से उन्हें डबिंग सिंगर के तौर पर काम मिला , ऋतुराज डायरेक्टर के कम बजट वाली फिल्म में उन्होंने गीत गया , गायिका ऊषा उत्थुप , हेमलता, नीरू पुरुषोत्तम, राधा सलूजा , केस्टो मुखर्जी , टुनटुन , बिंदु , जयश्री , डांसर मधुमति ऐसे ही अनेकों कलाकारों के साथ देशभर में कई स्टेज शो किए। कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में उषा उत्थुप ने स्टेज शो प्रोग्राम के दौरान अपना- हरे रामा हरे कृष्णा फिल्म का गीत अपने अंदाज में गाया फिर उसी गीत को मैंने उसी प्रोग्राम में आशा भोंसले की आवाज में- क्या खुशी क्या गम , जब तक है दम में दम.. आओ कशमकश लगाते जाओ , गलियों में घूम ..आओ सड़कों पर झूमो , दुनिया की खूब करो सैर..हरे रामा हरे कृष्णा.. गाया तो स्टेडियम से वंस मोर , वंस मोर की आवाजें उठनी शुरू हो गई। जिसके बाद उषा उत्थुप ने सराहना करते मुझे अपने हाथों से एक प्रशस्ति पत्र लिखकर यादों के तौर पर सोंप दिया।

शादी के बाद जिंदगी में लगा रिवर्स गियर
कमला राठौड़ ने बताया- मुंबई में 3 वर्ष हो चुके थे इसी दौरान गोंदिया भी आना-जाना होता था , इसी बीच आर्केस्ट्रा चलाने वाले प्रमोद उर्फ बॉबी नामक युवक के साथ प्यार हो गया ।

1981 में गोंदिया के सिविल लाइन के लोको शेड स्थित भगवान शिव के मंदिर ( मेठी बगीचा ) में हम दोनों ने शादी कर ली। बॉबी के मां-बाप पसंद नहीं करते थे कि यह गाना गाती है करके ? तो वह भी हमारे साथ घर जमाई बनकर रहने लगा बेटा राकेश डेढ़ साल का था फिर हमारी आपस में जमी नहीं तो तलाक हो गया। फिर मैं अकेले ही मां के साथ जाती थी स्टेज प्रोग्राम करने के लिए ।

बेटा राकेश बड़ा हुआ तो उसे भी ऑक्टोपैड खरीद कर दिया वह भी म्यूजिकल ग्रुप के साथ प्रोग्राम पर जाता था

पत्नी वियोग में बेटे ने शराब पीकर जान गंवाई
कमला राठौड़ ने दर्द भरी दास्तां सुनाते कहा- इसी बीच बेटे राकेश का नवेगांवबांध निवासी लड़की पर दिल आ गया और उसने उससे शादी कर ली तथा घर ले आया।

2 -3 वर्ष हंसी खुशी बीते फिर दोनों में बनी नहीं तो बहू दोनों बच्चों को छोड़कर राजस्थान चली गई।
मेरी औरत चली गई इस सदमे में बेटे ने शराब पीनी शुरू कर दी , अत्यधिक शराब सेवन राकेश के मौत का कारण बन गई ?
जवान बेटे के मृत्यु के बाद दोनों बच्चों तुलसी और उमान की परवरिश और स्कूल भी देखनी पड़ रही है तथा आर्केस्ट्रा प्रोग्राम से रोजी-रोटी की व्यवस्था भी ?जब टूर पर जाना होता है तो बच्चों को साथ ले जाना पड़ता है।

कमला राठौड़ ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से रायपुर संगीत समिति (आर्केस्ट्रा ) से गा रही है, नागपुर के ओ.पी सिंह आर्केस्ट्रा , भिलाई के शाहिद आरिफ तथा सैफ- सोहेल म्यूजिकल ग्रुप ,रायपुर के प्रवीण जाधव आर्केस्ट्रा के साथ यथासंभव प्रोग्राम मिलते हैं ।
छत्तीसगढ़ के जिला जगदलपुर के कोंढ़ागांव में आखिरी प्रोग्राम मिला था जिसमें रानू मंडल का गाना मैंने आलाप लेकर गायी.. तेरी मेरी , मेरी तेरी.. तेरी मेरी कहानी…

लेकिन अभी लाकडाउन होने की वजह से ऐसे सभी आयोजन 2 महीने से बंद पड़े हैं जिससे आर्थिक संकट गहरा गया है।

पड़ोस में रहने वाले अशोक सक्सेना इन्हें अपनी आर्थिक परेशानियां बयां की तो उन्होंने कुछ मदद की और गोंदिया विधानसभा व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों ने राहत राशि पहुंचाई। लेकिन अगर यह लाकडाउन यूं ही आगे बढ़ता चला गया तो हम कलाकारों की आर्थिक स्थिति गंभीर कर देगा।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement
Advertisement