ना नौकरी जाने का डर , ना ऑफिस जाने की चिंता
दुनिया में मौत का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस से विश्व के तमाम देश जंग लड़ रहे हैं ऐसे में भारत में भी यह संकरण तेजी से फैल रहा है लिहाजा 21 दिनों के लाकडाउन का ऐलान पीएम मोदी द्वारा किया गया है इन सबों के चलते 14 अप्रैल तक देश की आर्थिक गति का पहिया थम चुका है ।
हर नौकरीपेशा व्यक्ति इस बात को लेकर आशंकित है के उसकी नौकरी रहेगी या जाएगी? क्योंकि कंपनियों का कारोबार और कारखाने बंद है।
इस निराशा भरे माहौल के बीच गोंदिया में रोजगार को लेकर सुखद खबर आयी है यहां किसी की कोई नौकरी नहीं जा रही बल्कि बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ ) सेंटर में काम करने वाले शतप्रतिशत कर्मचारी अपने घरों से ही काम कर रहे हैं।
गोंदिया में है कई बीपीओ सेंटर
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग ( बीपीओ ) किसी तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाता को किया गया एक विशिष्ट व्यवसाय कार्य का अनुबंध है।
बीपीओ उद्योग में बहुत सारे सर्विस उपलब्ध होते हैं इसका मतलब कि जब एक कंपनी अपने सारे काम खुद नहीं कर पाती तब वह दूसरे कंपनीज से इसकी मदद लेती है जिन्हें कि उस काम की महारत हासिल हो।
एक बीपीओ एग्जीक्यूटिव के सामने बहुत सारे tasks होते हैं करने के लिए , जो सबसे महत्वपूर्ण होता है वह यह कि अपने क्लाइंट या कस्टमर के सेटिस्फेक्शन पर ज्यादा ध्यान देना ।
हर कर्मचारी की है नौकरी सुरक्षित
बीपीओ और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करने वाले Ephp solution कंपनी के एमडी विकास गुप्ता ने जानकारी देते बताया – हमारे जो क्लाइंट हैं उनके स्टोर है ऑनलाइन , वह जो भी सेल करते हैं उनकी ऑर्डर प्रोसेसिंग वगैरह सब यहां इंडिया से होती है ।
क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लगभग हर कंट्री में डिस्टरबेंस चल रहा है , मुंबई को लाकडाउन किए जाने की जैसे ही न्यूज़ आई हमने खतरे को भांप लिया और घरों से काम करने की तैयारी शुरू कर दी ।
हमने हमारी कंपनी के हर कर्मचारी को बोला कि किसी को ऑफिस आने की जरूरत नहीं है, जो कर्मचारी शहरी क्षेत्र के हैं उन्हें डेक्सटॉप दिए हैं जो कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र के हैं उन्हें लैपटाप मुहैया कराया गया है यह सामान ऑफिस की गाड़ियों से अलग-अलग 60 घरों तक छुड़वाया गया इस प्रकार 100% कर्मचारी पिछले 10 दिनों से घर से ही काम कर रहे हैं , पर अगर यह हम घर से काम वाली स्टेप नहीं लेते तो लगभग 2 माह के इस ड्रॉपडाउन के दौरान हमारा पूरा बिजनेस ही चौपट हो जाने की नौबत आती और इतने सारे कर्मचारी बेरोजगार हो जाते इसी के मद्देनजर हमने यह कदम उठाया ।
ऑफिस बंद , घर पर बनाया कमांड सेंटर
कंपनी के एमडी विकास गुप्ता ने कहा- मैंने घर पर कमांड सेंटर बनाया हुआ है , हमारी कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल हैं उसी में ट्रैकिंग का सॉफ्टवेयर रहता है वह सबको ट्रैक करता है , उसके सर्वर पर लॉक जमा हो जाते हैं उसने क्या ब्राउज़िंग किया पता चलता है , न रिमूव कर सकते हैं ? ना बंद कर सकते हैं ना अनइनस्टॉल कर सकते हैं । उस सॉफ्टवेयर से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती उसी के थ्रू काम हो जाता है उन्हीं में पूरा डेटा रहता है इस तरह कंपनी के कर्मचारी अब घर बैठे बैठे ही ऑफिस के डाटा सर्वर से एक्सेस कर सकते हैं किसी को रिचार्ज लग रहा है या कुछ और तो फटाफट कम्पनी प्रोवाइड करवा रही है ।
इन सबों के चलते जरूर कंपनी पर कुछ आर्थिक बोझ पड़ा है लेकिन कंपनी का बिजनेस बचा रहे और सबका रोजगार भी चलता रहे इसलिए यह स्टेप जरूरी था । पहले भी कर्मचारियों को सैलरी बैंक डिपाजिट द्वारा ऑनलाइन होती थी अभी भी ऑनलाइन हो रही है कोई दिक्कत नहीं।
वर्क फ्रॉम होम से कर्मचारी खुश
ईपीएचपी सोल्यूशन में कार्यरत मनोज सोनी , सुषमा डोंगरे , जयश्री मराठे , भूषण राहंगडाले दीपक कापसे , आशीष तांबे , कोमल भगत , चारू पटले , शुभम मेश्राम आदि ने कहा – संचारबंदी होने से पूर्व ही आने वाली दिक्कतों का सही और सटीक आंकलन कर अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की उचित व्यवस्था हमारे एमडी विकास गुप्ता ने की इनके दूरदृष्टि ही है कि जिसकी वजह से न केवल कर्मचारी बल्कि हमारे परिवार भी अब चिंता से मुक्त हैं। हम सभी अपने घरों से कार्यालयीन कार्य बखूबी कर पा रहे हैं। सुरक्षित रहें.. घर पर रहें.. और कार्यशील बनें रहें तभी मिलकर हम सब इस कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध जीत सकते हैं।
रवि आर्य