गोंदिया आज हर छोटे से छोटा तथा बड़े से बड़ा सरकारी दफ्तर भ्रष्टाचार में लिप्त है। एक मामूली रकम का बिल मंजूर करने के लिए भी मोटी कीमत अदा करनी पड़ती है, घूसखोरी का यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है।
मात्र 2 लाख 71 हजार के विकास कार्य का बिल पास करने के लिए 35 हजार रूपये रिश्वत की मांग करने वाले गोंदिया तहसील के ग्राम पंचायत सेजगांव खुर्द की सरपंचा व ग्रामसेवका सहित एक निजी व्यक्ति अब एसीबी के हत्थे चढ़ चुके है।
दरअसल गोंदिया के श्रीनगर निवासी 49 वर्षीय पेशे से ठेकेदार फिर्यादी यह बांधकाम मटेरियल सप्लायर है तथा उसने तहसील के सेजगांव खुर्द ग्राम पंचायत अंतर्गत प्राप्त टेंडर के अनुसार जन सुविधा योजना के तहत सेजगांव शमाशान भूमि की ओर जाने वाले मार्ग के निर्माण के लिए 2 लाख 71 हजार 857 रूपये का मटेरियल सप्लाय किया था।
इस आपूर्ति किए गए बांधकाम साहित्य का 2,71,857 रूपये का बिल मंजूर करवाने हेतु फिर्यादी ने ग्राम पंचायत की ग्राम सेविका सौ. प्रिती साखरे (36 रा. चंद्रशेखर वार्ड) को आवेदन किया।
बिल मंजूर करवाकर धनादेश देने के ऐवज में ग्रामसेविका ने स्वंय के लिए 13 हजार रूपये तथा ग्राम सरपंचा सौ. अर्चना ( 28 रा. कोहका) सहित सरपंचा के पति योगेश्वर (निजी व्यक्ति) के लिए 22 हजार इस तरह कुल 35 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई तथा तय सौदे अनुसार उक्त राशि सरपंचा के पति को देने की बात कही गई।
फिर्यादी यह रिश्वत की रकम देने का इच्छुक नहीं था लिहाजा उसने भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग गोंदिया में शिकायत दर्ज करायी।
मामले की जांच पश्चात जाल बिछाते हुए गुरुवार 20 अप्रैल को एसीबी अधिकारियों ने आरोपी सरंपच पति को शिकायतकर्ता से द्वारिका होटल ( कुड़वा नाका ) यहां किश्त के तौर पर 35 हजार रूपये रिश्वत स्वीकारते हुए रंगेहाथों धर लिया।
इस मामले में तीनों आरोपी ग्रामसेविका, सरपंचा तथा सरपंच पति के ख़िलाफ़ रामनगर थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंध अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है ,आगे की जांच जारी है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राहुल माकणीकर तथा अपर पुलिस अधीक्षक मधुकर गीते (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर, पोनि अतुल तवाड़े, सउपनि विजय खोब्रागड़े, चंद्रकांत करपे, पो.ह. संजय बोहरे, मंगेश काहलकर, नापोसि संतोष शेंडे, संतोष बोपचे, अशोक कापसे, संगीता पटले, रोहिणी डांगे, चालक दीपक बटबर्वे की ओर से की गई।
रवि आर्य