Published On : Thu, Aug 20th, 2020

गोंदिया: गणेशोत्सव पर्व में दिखेगी सादगी

कलेक्टर की अध्यक्षता में गणेश मंडलों की बैठक , बनी आम सहमति

गोंदिया 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव 22 अगस्त से प्रारंभ हो रहा है , महाराष्ट्र में गणेश उत्सव काफी लोकप्रिय है लेकिन इस बार कोरोना का असर त्यौहार पर भी पड़ने लगा है लिहाजा इस साल गणेश उत्सव काफी साधारण तरीके से मनाया जाएगा इसे लेकर गृह विभाग ने निर्देश जारी किया है ‌।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है इसका असर गोंदिया जिले में भी देखा जा रहा है इसलिए इस वर्ष गणेश उत्सव को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में 18 अगस्त को कलेक्टर डाॅ. कादंबरी बलकवड़े की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई ।

Gold Rate
22 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,11,200 /-
Gold 22 KT ₹ 1,03,400 /-
Silver/Kg ₹ 1,33,000/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

पंडालों में 4 फुट से बड़ी प्रतिमा पर रोक
कोरोना काल में गणेश उत्सव को लेकर गृह विभाग द्वारा 11 जुलाई को जारी की गई गाइडलाइन का वाचन बैठक में जिलाधिकारी ने करते हुए उपस्थित सभी सार्वजनिक गणेश मंडलों के वर्तमान पदाधिकारियों से कहा-गृह विभाग की अधिसूचना के नियमों और प्रावधानों का पालन होना चाहिए ।

गणेश उत्सव के पंडालों में गणेश प्रतिमा 4 फुट से ज्यादा ऊंची नहीं लगाई जाएगी वहीं घर के अंदर विराजमान मूर्ति अधिकतम 2 फुट होनी चाहिए।
इस वर्ष पारंपरिक गणेश की मूर्ति के बजाय घर में धातु , संगमरमर की मूर्ति की पूजा की जानी चाहिए ।

सर्वजनिक गणेश उत्सव के लिए मंडलों को नगर पालिका, नगर पंचायत और स्थानीय प्रशासन से उचित पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होती है कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या में मंडप स्थापित किया जाना चाहिए ,

इश्तहारों का लक्ष्य , स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक संदेश हो
गणपति पंडाल को धूमधाम से सजाने की स्पर्धा नहीं होनी चाहिए , आयोजन के लिए दान पर जोर ना दें केवल स्वैच्छिक दान स्वीकार करना चाहिए तथा इश्तहारों का लक्ष्य भीड़ जुटाना नहीं बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता एवं सामाजिक संदेश का होना चाहिए।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय आरोग्य उत्सव , स्वास्थ्य शिविर , ब्लड डोनेशन कैंप तथा कोरोना , मलेरिया , डेंगू से बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उसके निवारक उपायों के साथ -साथ स्वच्छता के लिए विज्ञापन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

दैनिक आरती में भीड़ ना जुटे , ध्वनि प्रदूषण का रखें ध्यान
आरती , भजन , कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते समय कोई भीड़ नहीं होनी चाहिए इसी तरह ध्वनि प्रदूषण के संबंध में नियमों और प्रावधानों का पालन होना चाहिए।

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा सभी मंडलों को संबंधित नगर पालिका या स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी।

आगमन और विसर्जन के मौके पर जुलूस निकालने से बचना चाहिए
श्री गणेश की मूर्तियों के आगमन और विसर्जन के मौके पर इस साल जुलूस निकालने से बचना चाहिए और इसे स्थगित करने की सलाह दी गई है क्योंकि उसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है विशेषतः छोटे बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है।

विसर्जन की पारंपरिक विधि में विसर्जन स्थल पर की जाने वाली आरती घर पर ही की जानी चाहिए और विसर्जन स्थल को कम से कम समय में खाली कर देना चाहिए साथ ही सभी घरेलू मूर्तियों का विसर्जन जुलूस एक साथ नहीं निकलना चाहिए।

यदि मूर्ति पर्यावरण के अनुकूल हों तो उसका विसर्जन घर पर ही जलकुंड बनाकर किया जाना चाहिए यदि घर पर विसर्जन संभव नहीं है तो विसर्जन निकटतम कृत्रिम विसर्जन स्थल पर किया जाना चाहिए।

नगर पालिकाओं , गैर सरकारी संगठनों , स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के सहायता से कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया जाना चाहिए ऐसा आव्हान जिलाधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवड़े ने आयोजित बैठक में करते हुए उपस्थित सार्वजनिक गणेश मंडलों के पदाधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान करते हुए गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार नियमों का पालन करने की अपील की ‌।

इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे, निवासी उपजिलाधिकारी सुभाष चौधरी , गोंदिया एसडीओ वंदना सवरंगपते , उपविभागीय पोलीस अधिकारी जगदीश पांडे , नगर परिषद मुख्य अधिकारी करण चौहान सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement