गोंदिया। बरसात के मौसम में नदी के किनारे जाना प्रतिबंधित होता है। गोंदिया जिले के तिरोड़ा तहसील के वैनगंगा नदी से रेत के अवैध तस्करी की लगातार खबरें मिल रही थी । रेत तस्कर लगातार रात भर घाट में सक्रिय थे और जैसे ही गहमा गहमी भरे माहौल की जानकारी 24 जून मंगलवार सुबह 8.30 बजे जिला प्रशासन और पुलिस को मिली वह एक्शन में आ गए।
पुलिस और राजस्व विभाग की पूरी टीम एक साथ गश्त पर थी और उन्होंने तिरोड़ा तहसील के ग्राम विहिरगांव से उमरी की ओर जाने वाले मार्ग पर छापामार कार्रवाई करते अवैध रेत परिवहन में जुटे तीन ट्रैक्टरों को रंगे हाथों पकड़ लिया।इन ट्रैक्टर चालकों के पास किसी भी प्रकार का वैध दस्तावेज परमिट या रॉयल्टी नहीं था लिहाज़ा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए तीनों ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया गया जिनमें प्रत्येक में एक-एक ब्रास रेत भरी पाई गई।
यह कार्रवाई तिरोडा तहसीलदार एन. एम. ठाकरे के मार्गदर्शन में की गई। इस दौरान नायब तहसीलदार अजय सकुंदवार, राजस्व विभाग के अधिकारी आनंद भुते, पंकज तिडके, सुजित पवार, पवन चाफले, डी. एस. नागदेवे, डी. टी. नेवारे, धम्मापाल बडगे, पुलिस सिपाही संदीप कोरे सहित प्रशासन की पूरी टीम मौजूद थी।
इन ट्रैक्टरो पर की गई कारवाई गोपनीय जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची टीम ने ट्रैक्टर क्रमांक MH 35 AR-2450 , ट्रैक्टर क्रमांक MH 35 AR-1007 व ट्रॉली MH 35 AR-0966 तथा बिना नंबर का सोनालिका 745 DI ट्रैक्टर एवं बिना क्रमांक की ट्रॉली को रोका गया।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यह रेत चांदोरी बु. / बिरोली रेत घाट से अवैध रूप से उत्खनन कर लाई गई थी। मामले में कवळु रामभाऊ पानसे (निवासी: केसलवाडा) व राजीव झिबल मस्के ( निवासी मुंडिकोटा) के नाम सामने आए हैं। प्रशासन ने इसे पर्यावरणीय संतुलन और राजस्व नियमों का उल्लंघन मानते हुए गंभीर अपराध की श्रेणी में लेते हुए सख्त कार्रवाई की है।
इस संयुक्त छापेमारी से रेत माफियाओं में भय का माहौल पनप गया है।प्रशासन का यह सख्त रुख अवैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए एक प्रभावी कदम माना जा रहा है।
रवि आर्य