Published On : Mon, Apr 8th, 2024
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: कस्टम मिलिंग दरें बढ़ाने पर अड़े राइस मिलर्स की हड़ताल , मजदूरों को काम का टोटा

मिलों पर लटके ताले , 165 राइस मिलर्स ब्लैक लिस्टेड , खुले आसमान तले पड़ा है धान
Advertisement

गोंदिया जिले के राइस मिलर्स को समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान कस्टम मिलिंग हेतु दिया जाता है।
कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन के बाद भी निर्धारित समयावधि तक धान का उठान नहीं करने को लेकर 165 राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया गया है।

हालांकि इन राइस मिलर्स ने हाई कोर्ट से स्टे हासिल करने में सफलता पा ली हैं लेकिन प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अन्य राइस मिलर्स में हड़कंप मच गया है और उन्होंने सरकार तथा प्रशासन को चेतावनी जारी करते हुए आयोजित पत्र परिषद दौरान कहा- अगले हफ़्ते गोंदिया ,भंडारा , गडचिरोली , चंद्रपुर और नागपुर इन 5 जिलों के राइस मिलर्स की आम सभा आयोजित की गई है जिसमें लोकसभा चुनाव बहिष्कार का निर्णय भी हो सकता है ? नतीजतन 5 लाख वोटर का सीधा फर्क पड़ेगा।

गोंदिया राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया-मराठवाड़ा और विदर्भ में 800 राइस मिलें हैं जिनमें से 150 बमुश्किल चालू है बाकी सभी बंद है। कामोवेश यही स्थिति पालघर रायगढ़ जिले के राइस मिलर्स की भी है।

गोंदिया जिले में 5% छोटी लघु ( खावटी ) राइस मिलें ही चालू हैं , बहुताय राईस मिलें बंद होने से सारा व्यापार डिस्टर्ब हो चुका है , अकेले गोंदिया जिले में 6000 करोड़ का टर्नओवर प्रभावित है , राइस मिलें बंद होने से तकरीबन डेढ़ लाख परिवार बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं , रास्ता तो शासन को ही निकालना पड़ेगा ? हमें प्रभावित तो शासन ने ही किया है , हमारी मुख्यतः शिकायतें स्टेट गवर्नमेंट से ही है।

नवंबर- दिसंबर 2023 में नागपुर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा गूंजा था , राइस मिलर्स को इंसेंटिव देंगे ऐसा सरकार की तरफ से तब कहा गया था लेकिन उसके बाद भी कोई प्रोग्रेस हुआ नहीं और मिलर्स काफी नुकसान की स्थिति में है।

600 राइस मिलें करती है , धान की कस्टम मिलिंग
शासन द्वारा समर्थन मूल्य आधार पर खरीदे गए धान का चांवल बनाने के लिए राइस मिलर्स को धान कस्टम मिलिंग ( पिसाई) हेतु दिया जाता है।

पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में एक क्विंटल कस्टम मिलिंग का 200 रुपए निश्चित है वहीं छत्तीसगढ़ में एक क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग पर 120 रूपए राज्य सरकार ने देना शुरू किया है , वही महाराष्ट्र सरकार एक क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग का केवल 10 रूपए देती है , इस इंसेंटिव को बढ़ाकर पड़ोसी राज्यों जितना करने की मांग की जा रही है लेकिन अब तक केवल राइस मिलर्स को आश्वासन ही मिला है , सरकार को जगाने के प्रयास में वे गत कुछ महीनों से हड़ताल पर हैं इसलिए उन्होंने शासन से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार जल्द इसका समाधान तलाशे।

बता दें कि राइस मिलर्स के हड़ताल पर चले जाने की वजह से 3186 करोड़ का धान खुले में पड़ा हुआ है । अकेले गोंदिया जिले में 36 लाख क्विंटल तकरीबन 720 करोड़ का धान खुले में पड़ा हुआ है।

बे मौसम बारिश के चलते जिसके खराब होने की संभावना है बनी हुई है।

आयोजित पत्र परिषद में संस्था अध्यक्ष अशोक अग्रवाल , रविबाबू अग्रवाल , कैलाश अग्रवाल , महेश अग्रवाल , दिलीप कारड़ा , राहुल अग्रवाल , प्रकाश अग्रवाल , रामअवतार अग्रवाल , पदम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

रवि आर्य