अपराध गुप्तचर शाखा ने दबोचा, 15 ई-टिकट व कम्प्यूटर-प्रिंटर जब्त
गोंदिया। परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियां मनाने, सैर-सपाटे पर जाना भला किसे अच्छा नहीं लगता? बात शादी-त्यौहार के मौसम की हो या बच्चों के स्कूल के छुट्टियों की। ग्रीष्मकाल के मौसम में ट्रेन का कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाता है?
हर व्यक्ति की चाहत होती है कि, उसका सफर सुहाना हो, इसी जुगत में जब व्यक्ति रेल्वे बुकिंग ऑफिस के विन्डो पर रिजर्वेशन के लिए पहुंचता है तो कतारबद्ध व्यक्ति के सामने 10 मिनट में ही यह तस्वीर साफ हो जाती है कि, हजारों टिकट एक झटके में बुक हो चुके है और अब कन्फर्म टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं, क्योंकि वेटिंग लिस्ट जारी हो चुकी है।
गोंदिया से लंबी दूरी के लिए चलने वाली ट्रेनों के आरक्षित टिकटों में भारी गड़बड़ी पाया जाना कोई नई खबर नहीं? अब इसपर अंकुश लगाने के लिए छापामार कार्रवाई हेतु रेल्वे विभाग ने क्राइम इन्टेलिजेन्स ब्रांच (अपराध गुप्तचर शाखा) तथा टॉस्क टीम जैसे दल का गठन किया है।
गुप्तचर से मिली पुख्ता जानकारी के बाद 14 मई मंगलवार को मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के निर्देश पर गोंदिया आरपीएफ दल निरीक्षक नंद बहादूर, उपनि. विनेक मेश्राम, अपराध गुप्तचर शाखा के आरक्षक संतोष मेश्राम, आरक्षक बी. कोरचाम, एल.एस. मोहने, नासिर खान, पी.एल. पटले, आर. रायकवार, पी. दलई की टीम, जिले के डुग्गीपार थाना अंतर्गत आने वाले सड़क अर्जुनी स्थित त्रिवेणी स्कूल के सामने बाजार क्षेत्र में पहुंची तथा दुकान के संचालक दिपक उर्फ पंकज सिंह से रेल्वे आरक्षण टिकट के विषय में फर्जी ग्राहक बनकर पूछताछ की, जिसके बाद जब दुकान में रखे कम्प्यूटर की तलाशी ली गई तो उसमें फर्जी पसर्नल आईडी से अवैध तरीके से बनायी गई रेल्वे की 15 ई-टिकट बरामद हुई। आरोपी यह आईआरसीटीसी साइड का अधिकृत एजेंट नहीं होने के बावजूद वह अधिक मुनाफा कमाने की लालच में आईआरसीटीसी की फेक नाम से फर्जी आईडी बनाकर ग्राहकों के लिए रेल्वे ई-टिकट बनाता है और बदले में ग्राहकों से किराया राशि के अतिरिक्त 200-300 रूपये प्रति टिकट वसूलता था इस बात की स्वीकारोक्ति पश्चात मामला रेल्वे टिकट के अवैध कारोबार का सामने आया लिहाजा छापामार टीम ने कार्रवाई करते हुए 15 नग ई-तत्काल टिकट (मुल्य 22 हजार 414 रू), एक लैपटॉप (कीमत 20 हजार), एक कलर प्रिंटर (कीमत 10 हजार), एक राउटर (कीमत 1500 रू.), एक स्मार्ट मोबाइल (कीमत 5 हजार), नकदी 870 रू इस तरह 58 हजार 914 का माल हस्तगत करते हुए गवाहों के समक्ष जब्ती पंचनामा तैयार करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर रेसुब पोस्ट गोंदिया लाया गया जहां उसके विरूद्ध रेल्वे अधिनियम की धारा 143 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
गौरतलब है कि, 11 अप्रैल को रेल्वे क्राइम इन्टेलिजेंस ब्रांच ने शहर के पुराना आरटीओ ऑफिस के निकट एक कम्प्यूटर सेंटर पर नकली ग्राहक भेजकर बुकिंग खिड़कियों व ई-टिकटों की अवैध गतिविधियों के सिलसिले में एक 27 वर्षीय आरोपी युवक को गिरफ्तार करते हुए 16 ईं-टिकट सीज किए थे। एक माह के भीतर ई-टिकट के दलालों के खिलाफ यह दुसरी बड़ी कार्रवाई है जिससे इस धंधे में शामिल अन्य दलालों के बीच खलबली मची है।
– रवि आर्य