Published On : Fri, Apr 26th, 2019

गोंदिया : मरीज दवा पर नहीं.. दुआ पर जीते है

जिला अस्पताल में वेंटिलेटर व कई स्वास्थ्य उपकरण बंद

गोंदिया: महाराष्ट्र सरकार गरीबों के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अकेले गोंदिया के जिला केटीएस एंव बीजीडब्ल्यू अस्पताल पर करोड़ों रूपये स्वास्थ्य सेवा के रूप में खर्च करने का दावा करती है लेकिन गरीबों का निःशुल्क उपचार करने वाले ये दोनों अस्पताल खुद बीमार पड़े है।

Advertisement

प्रभाग क्र. 14 के नगरसेवक लोकेश (कल्लू) यादव ने बसपा कार्यकर्ताओं के साथ जिला शासकीय केटीएस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो अव्यवस्थाओं को देखकर वे दंग रह गए। केटीएस अस्पताल के अतिदक्षता कक्ष (आईसीयू) में 2 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें से एक गत 5 माह से बंद पड़ा है। इस अस्पताल के आईसीयू में 4 बेड लगे है, जिनमें से 2 के मॉनिटर नादुरूस्त है। मरीज की छाती की पम्पिंग करने वाली मशीन कबाड़ में पड़ी है। ज्योतिबा फुले आरोग्य सेवा योजना के तहत टीबी के मरीजों का कफ और ब्लड चेक करने की मशीन गत एक वर्ष से खराब पड़ी है।

2 बॉक्स में एक्सपायरी डेट की दवाइयां व इंजेक्शन मिले
औचक निरीक्षण करने पहुंचे जनप्रतिनिधियों की ऩजर वहां पड़े 2 प्लास्टिक के बड़े बॉक्स में गई जिसमें जेन्टारेन नामक इंजेक्शन जिसकी एक्सपायरी अक्टुबर 2018 में हो चुकी है और अल्ट्रा पोलीमेड तथा मेडीऑन के इंजेक्शन जो मार्च 2018 में एक्सपायर हो चुके है, वे सैकड़ों की संख्या में बरामद हुए।

कायदे से कालवधी के बाहर हो चुकी इन दवाइयों की उचित जगह अस्पताल के वार्ड और आईसीयू में न होकर स्टोर रूम में होनी चाहिए ? लेकिन इन एक्सपायरी दवाइयों का वार्ड में मिलना यह दर्शता है कि, अस्पताल प्रशासन यहां भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के साथ जानलेवा खिलवाड़ कर रहा है। इन एक्सपायरी दवाइयों के नमूने हाथ में लेकर बसपा पदाधिकारियों ने वीडियो तैयार किया तथा बंद स्वास्थ्य उपकरणों और कालावधी से बाहर हो चुकी इन दवाइयों के संदर्भ में पूछताछ करने हेतु जब अस्पताल के डीन डॉ. वी.पा. रूखमोड़े के चेम्बर में पहुंचे तो वे नदारद थे और कुर्सियां खाली पड़ी थी। अस्पताल में उपस्थित वैद्यकीय अधीक्षक नंदकिशोर जायसवाल से जब सवाल तलब किया गया तो उन्होंने कहा- अस्पताल में बंद पड़े स्वास्थ्य उपकरण और दवाइयों के अभाव के बारे में डीन को बता चुके है, यह कहते अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा। वहीं केटीएस अस्पताल के एडमिनीस्ट्रेशन हेड क्लर्क कटरेे से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने वार्ड के इंचार्ज लिखित में रिपोर्ट नहीं देते यह कहते बगले झांकते ऩजर आए।

इस प्रकरण में नगरसेवक लोकेश यादव ने जानकारी देते कहा कि, अस्पताल के बंद स्वास्थ्य उपकरण व एक्सपायरी डेट की दवाइयों के जब्त किए गए नमूनों का वीडियो और फोटोज वे इवीडेन्स (सबूत) के तौर पर स्वास्थ्य उपसंचालक तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को भेज रहे है तथा संबधित दोषी अधिकारियों व लापरवाह स्वास्थ्य प्रशासन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करेंगे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement