
गोंदिया। ब्रांडेड लेबल… चमकदार पैकिंग… रॉयल स्टैग और ओसी ब्लू की सील , लेकिन बोतल के अंदर ज़हर! गोंदिया पुलिस ने शहर के बीचोंबीच जो ‘नकली शराब की फैक्ट्री’ पकड़ी है, उसने हर शराब प्रेमी की नींद उड़ा दी है। ये है ऑपरेशन ‘नकली जाम’, जहां ब्रांड के नाम पर बेची जा रही थी मौत की पैकिंग!
ब्रांडेड लेबल की चमक में छिपा था जहर गोंदिया शहर पुलिस का ये खुलासा सिर्फ एक केस नहीं, एक चेतावनी है।
नाम ब्रांड का… पैकिंग प्रीमियम… पर अंदर जहर ! ,अब सवाल ये -क्या इस मौत के कारोबार के पीछे कोई बड़ा शराब सिंडिकेट काम कर रहा है ? उम्मीद है जांच की तह तक जाने के बाद जहर का कारोबार करने वाले गिरोह की हकीकत सामने आएगी।
असली बोतल- नकली जहर , पुलिस की छापेमारी से हड़कंप
मामला कुछ यूं है कि बुधवार 29 अक्टूबर की शाम गोंदिया शहर पुलिस की डीबी स्कॉट टीम को मिली एक गोपनीय टिप- शहर के बाजपेयी चौक इलाके में नकली शराब का काला धंधा चल रहा है! एपीआई वैभव गेडाम की अगुवाई में पुलिस टीम ने जाल बिछाया और कुंदन कुटी के पीछे बने संदिग्ध घर पर छापा मारा।
दरवाज़ा खुलते ही सामने था- स्पिरिट की बदबू, मशीनों की आवाज़ और नकली नशे पैकिंग का धंधा।
एक युवक भागने की कोशिश में था, पर पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया। नाम निकला , नकली शराब फैक्ट्री का संचालक- पराग रमन अग्रवाल (31, निवासी-गणेश नगर, गोंदिया)
पूछताछ में आरोपी ने माना-
बीयर बार और परमिट रूम के माध्यम से जो खाली बोतलें  कबाड़ की दुकान तक पहुंचती है वह उन असली बोतलों को कबड़ी दुकानदार से खरीदता था , उनमें स्पिरिट और फ्लेवर मिलाकर दोबारा भरता था और हू बहू विभिन्न शराब ब्रांडों की प्लास्टिक की सील ( ढक्कन ) लगाकर उसे मशीन द्वारा पैक करता था तथा इस घटिया क्वालिटी के शराब की सप्लाई वह होटल, ढ़ाबों और ग्रामीण इलाकों की शराब दुकानों के माध्यम से गोंदिया जिले और आसपास के जिलों में करता था। 
‘नकली जाम ‘  मौत को पैक कर बेचा जा रहा था नशा!
पुलिस जांच में खुलासा हुआ  यह कोई सामान्य शराब नहीं, बल्कि “केमिकल स्पिरिट + मिथाइल अल्कोहल” का घातक मिश्रण था!
एक्सपर्ट्स के मुताबिक़- इस स्पिरिट का एक पैग शरीर के अंदर जहर घोल देता है।
लीवर, किडनी और आंखों पर सीधा असर यानी मौत की धीमी दस्तक!
हाई-वोल्टेज रेड में जब्त हुआ 11 लाख का ज़हरखाना!
तलाशी के दौरान पुलिस को मिला हैरान कर देने वाला माल: जिसके जब्ती  विवरण में  रॉयल स्टैग के 10 बॉक्स प्रत्येक बॉक्स में 48 बोतलें  इस तरह 480 नकली शराब भरी बोतलें कीमत 96,000 हजार , दो बड़े नीले ड्रम में भरा 400 लीटर ज़हरीली स्पिरिट (किमत 1.80 लाख ) , ओसी ब्लू अंग्रेजी शराब की 300 खाली बोतलें तथा हजारों नकली लेबल, ढक्कन और कार्टून पैकिंग , ड्रम में इस्तेमाल स्पिरिट मशीन, पाइप, फ्लेवर लिक्विड भरी बड़ी प्लास्टिक बोतलें और बोतल सीलर साथ ही तैयार की गई नकली शराब तय जगह तक  पहुंचने में इस्तेमाल सफेद रंग की हुंडई वैन CG-04/NK 0745 ( किमत 8 लाख) ,  एक वीवो कंपनी का मोबाइल मुल्य 20,000 इस तरह  कुल 11 लाख 5 हजार रुपए के सामान की जब्ती कर पुलिस ने
मौत की फैक्ट्री सील कर दी।
 सेहत का सौदागर गिरफ्तार ,  पुलिस खोज रही है नेटवर्क का सिरा
आरोपी अपने आर्थिक मुनाफे के लिए मानवीय स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक स्पिरिट फ्लेवर आदि रासायनिक पदार्थों का उपयोग कर नकली शराब बन रहा था पुलिस ने पंच गवाहों के समक्ष यह सारी जब्ती कार्रवाई पूर्ण की है । गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में पुलिस अब पता लगा रही है कि कितनी नकली शराब भरी बोतलें पहले ही बाजार में पहुंच चुकी हैं ? किन शराब विक्रेताओं की इस गौरखधंधे में मिलीभगत है?क्या यह नेटवर्क गोंदिया से बाहर भी फैला है ?
सूत्रों के मुताबिक, इस काले धंधे के पुराने ‘ पीटी ‘ जैसे खिलाड़ी पुलिस रडार पर हैं। बहरहाल इस प्रकरण में फरियाद की सहायक पुलिस निरीक्षक वैभव गेडाम की रिपोर्ट पर गोंदिया शहर थाने में आरोपी पराग रमन अग्रवाल ( 31 , स्वागत लॉन के पास- गणेश नगर गोंदिया ) के खिलाफ शहर थाने में अपराध क्र. 898/25 की धारा 65 (अ)(ब)(क)(ड)(ई), 83, 108 महाराष्ट्र दारूबंदी कायदासह कलम 123 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कर पुलिस द्वारा आगे की जांच पड़ताल की जा रही है।
ये रहे ऑपरेशन के हीरो , जिन्होंने शहर को जहर से बचाया
 नकली शराब के इस धर पकड़ मिशन मिशन एस.पी गोरख भामरे, एएसपी अभय डोंगरे, एसडीपीओ रोहिणी बानकर
थाना निरीक्षक किशोर पर्वते के मार्गदर्शन में डीबी स्कॉट टीम में शामिल सहायक पुलिस निरीक्षक वैभव गेडाम, उप निरीक्षक घनश्याम थेर , सहायक उप निरीक्षक  कवलपालसिंह भाटिया, पुलिस हवलदार सतीश शेंडे, सुदेश टेंभरे, निशीकांत लोंदासे, प्रमोद चव्हाण, दीपक राहांगडाले, कमलेश राउत पुलिस सिपाही सुभाष सोनवाने , दिनेश बिसेन , अशोक रहांगडाले , कुणाल बरेवार मुकेश रावते , प्रमोद शिंदे , सोनू नागपुरे , राकेश बंजारे , अजय बोपचे ,अमित पवार और विजय बिसेन की टीम ने अंजाम दिया।
पुलिस अब इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि सप्लाई चैन के असली सरगना कौन हैं?
पुलिस  टीम की नज़र अब इस नेटवर्क के अगले सिरों पर टिकी है।
रवि आर्य

 
			


 

 
     
    





 
			 
			
