जनादेश को दिया धोखा , मनसे को बीजेपी की B टीम बताने वाली राष्ट्रवादी , कौनसी टीम है ?
गोंदिया भंडारा जिला परिषद के चुनाव को लेकर महा विकास आघाड़ी में दरार पड़ चुकी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस ने मंगलवार 10 मई को गोंदिया जिला परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर महा विकास आघाड़ी के घटक दल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है , वहीं भंडारा पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस को जो दर्द राकांपा ने दिया , कांग्रेस उससे उबरने में जिला परिषद में कामयाब हो गई तथा भाजपा के भीतर नाराज चल रहे 6 जि.प सदस्यों को अपने पाले में लेना शुरू किया था और 21 सदस्यों वाली कांग्रेस ने बीएसपी 1, शिवसेना 1 , वंचित बहुजन आघाड़ी 1 तथा 3 निर्दलीयों की मदद से सत्ता के समीकरण बैठाने शुरू किए और आखिरकार भंडारा जिला परिषद अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के गंगाधर जीभकाटे यह विजयी हुए हैं।
गौरतलब है कि गोंदिया और भंडारा जिला परिषद में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व को दरकिनार कर उन्हीं के गृह क्षेत्र में राकांपा द्वारा घेराबंदी की गई ओर गोंदिया जिला परिषद में भाजपा से गठबंधन कर राकांपा ने सत्ता हथिया ली है।
इस बड़े उलटफेर को लेकर महा विकास आघाड़ी के दोनों ही घटक दल एक दूसरे पर विश्वासघात ओर वादाखिलाफी की तोहमत लगा रहे हैं।
ऐसे में सवाल यह है कि राज्य के सत्ताधारी महा विकास आघाड़ी में आपसी समन्वय की कमी और पैदा हुए तनाव के लिए आखिरकार कौन नेता जिम्मेदार है और किस ने किस को धोखा दिया ?
शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर हुआ भाजपा- राष्ट्रवादी में गठबंधन
गौरतलब है कि आघाड़ी सरकार में दिन-ब-दिन तकरार बढ़ती जा रही है इसकी ताजा कड़ी है गोंदिया भंडारा जिला परिषद अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव है जिसमें कांग्रेस ने निकाय चुनावों से लेकर सभी चुनाव अकेले लड़ने का मन बनाया है वहीं राष्ट्रवादी ने विचारधारा से समझौता कर बीजेपी से सत्ता का बंटवारा करते हुए गोंदिया में बड़ा खेल कर दिया।
यहां बता दें कि मतदाताओं ने भाजपा- एनसीपी गठबंधन के लिए जनादेश कतई नहीं दिया था किंतु उन्होंने बेमेल का तालमेल करते हुए वोटर के साथ विश्वासघात किया , यह मतदाताओं के साथ धोखा है , ऐसी प्रतिक्रिया महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के जिला अध्यक्ष मनीष चौरागड़े ने देते कहा- मनसे को बीजेपी की B-टीम बताने वाली राष्ट्रवादी अब यह जनता को बताए कि वह बीजेपी की कौन सी टीम है ?
रात भर चला ड्रामा.. सस्पेंस .. थ्रीलर: एनसीपी ने बीजेपी से हाथ मिलाया
गोंदिया जिला परिषद में आगामी ढ़ाई वर्ष के लिए अध्यक्ष- उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ जिसमें गोरेगांव तहसील के सोनी जिला परिषद क्षेत्र से चुने गए पंकज खोमेश्वर रहांगडाले ने अध्यक्ष पद हेतु नामांकन दाखिल किया तथा उनके पक्ष में 40 वोट पड़े। उसी प्रकार राष्ट्रवादी की ओर से अर्जुनी मोरगांव तहसील के गोठणगांव जिला परिषद सदस्य इंजि. यशवंत गणवीर ने उपाध्यक्ष पद हेतु नामांकन दाखिल किया तथा उनकी झोली में भी 40 वोट गिरे।
13 सदस्यों वाली कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद हेतु उषा मेंढे और उपाध्यक्ष पद हेतु जितेंद्र कटरे ने उम्मीदवारी हेतु नामांकन अर्ज दाखिल किया , दोनों को 13 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा।
यहां बता दें कि 53 सदस्यों वाली गोंदिया जिला परिषद में भाजपा के 26 चुनकर आए और स्पष्ट बहुमत से वह एक कदम दूर थी ऐसे में दो निर्दलीयों को पाले में लाकर भाजपा स्पष्ट बहुमत जुटा चुकी थी बावजूद इसके शीर्ष नेतृत्व का इशारा मिलते ही उसने राष्ट्रवादी के कद्दावर नेता के साथ नागपुर में रातों-रात बैठक कर गठबन्धन कर लिया और निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के 4 जि.प सदस्यों (चाबी संगठन) सहित दो निर्दलीयों का भी उन्हें सहयोग मिला इस तरह सत्ताधारी दल के गठबंधन के पास 40 की ताकत है वहीं कांग्रेस के 13 जिला परिषद सदस्य विपक्ष की भूमिका निभायेंगे।
52 सदस्यीय भंडारा जिला परिषद में अध्यक्ष का पद 21 सदस्यों की ताकत रखने वाली कांग्रेस की झोली में सहयोगियों की मदद से गया है और 27 वोट हासिल कर कांग्रेस के गंगाधर जीभकाटे अध्यक्ष पद हेतु निर्वाचित हुए वहीं 13 सदस्यों की ताकत रखने वाली एनसीपी को विपक्ष में बैठना पड़ा है।
दोनों जिलों में सभापति का चुनाव 15 दिन के भीतर संपन्न कराया जाएगा।
रवि आर्य