Published On : Thu, Sep 17th, 2020

गोंदिया: तुम बम- बंदूक की बात करोगे तो हम विकास की बात करेंगे

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नक्सल समस्या से निपटने हेतु पुलिस ने खोज निकाला तोड़

गोंदिया नक्सलियों की लोकतंत्र में बिल्कुल आस्था नहीं हैं यही वजह है कि वे देश और राज्य की कानून व्यवस्था को आए दिन चुनौती देते रहते हैं।

विकास के अभाव में नक्सलवाद को तेजी से पनपने का मौका मिलता है , गोंदिया जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार जितना पैसा और सहूलियतें देती है अगर उसे सही योजनाबद्ध तरीके से खर्च किया जाए तो तस्वीर बदल सकती है , नक्सली समस्या को हल करने के लिए सिर्फ इच्छा शक्ति चाहिए।


फल- फूल की खेती से आएगी खुशहाली


गोंदिया जिले की नक्सल समस्या से निपटने और नक्सली मूवमेंट को हाशिए पर धकेलने के उद्देश्य से अब जिला पुलिस प्रशासन द्वारा संवेदनशील इलाकों में रोजगार , कृषि , स्वास्थ्य से जुड़े शिविर आदिवासियों हेतु आयोजित किए जा रहे हैं।

इन विकास शिविरों में बड़ी संख्या में आदिवासी पहुंचते हैं जहां नक्सली समस्याओं का जिक्र कर उनसे लड़ने और गांव में प्रवेश पर बंदिश के वादे किए जाते हैं कमोवेश इसी का नतीजा है कि अब जिले में सक्रिय नक्सली संगठनों को उनके सुरक्षित समझे जाने वाले गांव के ठिकानों में भी शरण नहीं मिल रही है क्योंकि यहां का आदिवासी युवा अब सरकार के साथ रोजगार और विकास की राह पर निकल पड़ा है। ।

जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे के मार्गदर्शन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी की उपस्थिति में जिले के चिचगढ़ थाना अंतर्गत आने वाले गणुटोला सशस्त्र दूरक्षेत्र सीमा से लगे अति नक्सल प्रभावित ग्राम पाऊलझोला में बुधवार 16 सितंबर को कृषि उन्मुखीकरण का आयोजन किया गया।

कृषि विषयक मार्गदर्शन शिविर में देवरी के कृषि अधिकारी कोली तथा कृषि सेवक सहारे ने उपस्थित किसानों को फल और फूल के पौधे कैसे लगाएं और उसका संरक्षण एवं संवर्धन कैसे करें इसकी जानकारी देते पाऊलझोला गांव के 25 आदिवासी किसान , प्रत्येक को 5 फल के पौधे निशुल्क प्रदान किए।

इस अवसर पर अप्पर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी ने आदिवासी युवाओं को रोजगार और कौशल विकास पर बेहतर मार्गदर्शन किया तथा आदिवासी युवकों की समस्याओं को समझ कर उसके निराकरण के योग्य उपाय बताए।

उक्त कार्यक्रम में उपस्थित पाऊलझोला के 150 से अधिक किसानों को कोरोना कॉल में कैसे सतर्कता बरतें इस बाबत जानकारी देते उनकी इन्फोरेड फोअर हेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर उपकरण के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखते हुए स्वास्थ्य जांच की गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से चिचगढ़ थाना प्रभारी अतुल तवाड़े , गणुटोला एओपी प्रभारी दीपक जगदाड़े , पुउपनि. लक्ष्मण मोगले , संतोष यादव , पाऊलझोला के सरपंच सलामे , पुलिसकर्मी पाटिल , अशफाक पठान सहित नक्सल प्रोपोगंडा सेल के पुलिस कर्मचारी उपस्थित थे।

विशेष उल्लेखनीय है गत 5 सितंबर को जिला पुलिस प्रशासन द्वारा देवरी तहसील के नक्सल क्षेत्रों के 46 शिक्षित युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षित कर उन्हें पुणे के यशस्वी ग्रुप में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं जिन्हें दो बसों में बिठाकर गत सप्ताह पुणे के लिए रवाना किया गया ।

आदिवासियों के जीवन को उज्जवल और आसान बनाने के लिए लगातार जिला पुलिस प्रशासन द्वारा प्रयास जारी है।

….रवि आर्य