Published On : Tue, Mar 23rd, 2021

गोंदिया: ‘ आ बैल मुझे मार ‘ दांव पड़ा उल्टा

Advertisement

गोंदिया । 3 रेती भरी बेलवंडी पकड़े जाने की हैरान करने वाली खबर सामने आई है , संभवत गोंदिया जिले के इतिहास में यह पहला अनोखा मामला है।
विशेष उल्लेखनीय है कि नदी नालों से रेत , सरकारी राजस्व के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है लेकिन जिले के बहुतांश रेती घाटों की नीलामी पिछले 1 वर्ष से नहीं होने के कारण अवैध उत्खनन और रेती तस्करी के वजह से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

जिले की नदियों से गैरकानूनी तरीके से रेती निकालने वाले तस्करों पर लगाम लगाने के लिए राजस्व विभाग ने उड़न दस्ता गठित किया है।
संबंधित व्यक्तियों से ना सिर्फ जुर्माना वसूल किया जाता है बल्कि तस्करी में इस्तेमाल होने वाले डंपर , टिप्पर, ट्रक , ट्रैक्टर आदि को भी जप्त कर लिया जाता है।

Gold Rate
06 May 2025
Gold 24 KT 97,000/-
Gold 22 KT 90,200/-
Silver/Kg 96,900/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

रेती लदी ३ बेलवंडी पकड़ तो लिए लेकिन पशुओं हेतु चारा पानी का संकट

गोंदिया जिले में रेती के दाम आसमान छूने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी रेती की भारी तस्करी की जा रही है।रेती तस्करी के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं इस बात की गोपनीय जानकारी मिलने के बाद तिरोड़ा तहसीलदार ने रेती तस्करी के अवैध व्यापार में जुटे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।तिरोड़ा तहसील कार्यालय से निकले आदेश का अनुपालन करने हेतु नायब तहसीलदार, मंडल अधिकारी , पटवारी ने तिरोड़ा तहसील के ग्राम कवलेवाड़ा की वैनगंगा नदी के सड़क मार्ग पर मोर्चा संभाला इसी दौरान बैल बंडी में बैल जोतकर नदी से रेती ले जाते हुए राजस्व अधिकारियों ने कुछ लोगों को देखा तथा अवैध उत्खनन और रेती तस्करी का संदेह हुआ तो पूछताछ की उन्होंने अपना नाम तानेश्वर टेंभरे , धर्मेंद्र कटरे व संतोष टेंभरे ( निवासी- कवलेवाड़ा तहसील तिरोड़ा ) बताया।राजस्व अधिकारीयों ने रॉयल्टी रसीद मांगी तो वह नहीं दिखा पाए लिहाज़ा रेत से भरी तीनों बेलगाड़ी को मवेशियों के साथ तिरोड़ा तहसील कार्यालय लाया गया और जब्ती पंचनामा बनाया गया।

बैल बंडी पकड़े जाने से हैरान गांववासी तहसील कार्यालय पहुंचे

बताया जाता है राजस्व अधिकारी ने पंचनामा तैयार कर जुर्माना का चालन कवलेवाड़ा निवासी तीन संबंधितों को थमाया , इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण इकट्ठे होकर तिरोड़ा तहसील कार्यालय पहुंचे तथा घरकुल ( आवासीय ) योजना के तहत रेती के निजी उपयोग की दुहाई देनी शुरू की तथा अधिकारियों को बताया कि नदियों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध के बावजूद रात के समय रेती का अवैध व्यापार बैखोफ चल रहा है ओवरलोड टिप्पर , डंपर , ट्रक , ट्रैक्टरों के अवैध परिवहन से ग्राम पंचायत की सड़कें भी बर्बाद हो रही है , उन बड़े वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ?

बैल जोड़ी के चालन का प्रावधान न होने के कारण , गांव तक पहुंचाए मवेशी

बताया जाता है कि बैल जोड़ी के चालान का प्रावधान न होने के कारण तथा तिरोड़ा तहसील कार्यालय में बैल बंडी के बगल में बैठे भूखे- प्यासे 3 जोड़ी मवेशियों के उचित चारा- पानी की व्यवस्था करने में असमर्थ हुए राजस्व अधिकारियों को आखिरकार 3 किलोमीटर पैदल चलकर 6 मवेशी संबंधित व्यक्तियों के गांव कवलेवाड़ा पहुंचकर उनके सुपुर्द करने पड़े जबकि रेती लदी बेलवंडी का जुर्माना चालान काटकर बैलगाड़ी मालक को थमाया गया है एैसी जानकारी मिल रही है।

संभवत गोंदिया जिले के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला होगा जो बड़ा ही रोचक है और जनचर्चा का विषय बना हुआ है।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement