ट्रेन में सफर कर रहे परिवार का , अनजान शहर में पुलिस बनी सहारा
गोंदिया : गोंदिया रेलवे सुरक्षा बल के जवान न सिर्फ यात्रियों के कीमती सामानों की सुरक्षा करते हुए अपराधियों की धरपकड़ हेतु सदैव मुस्तैद रहते है बल्कि कई अवसरों पर वक्त पड़ने पर अपने कर्तव्य से ऊपर उठकर मानवता का फर्ज निभाने से भी नहीं चुकते।
कुछ एैसी ही बानगी १४ मार्च को उक्त वक्त देखने को मिली जब ट्रेन में सफर के दौरान अचानक एक डेढ़ वर्षीय मासूम बालक की तबीयत बेहद बिगड़ गई और डियुटी पर तैनात रेलवे आरपीएफ ने बिना समय गंवाए बालक को जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाकर उसे उचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाते हुए अपनी डियुटी के साथ-साथ सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन भी किया।
उल्लेखनीय है कि, मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त ए.के. स्वामी (नागपुर) के मार्गदर्शन तथा पोस्ट प्रभारी नंदबहादूर के नेतृत्व में टास्क टीम के उपनिरीक्षक विनेक मेश्राम, आर. रायकवार, प्रधान आरक्षक दलाई, आरक्षक नासीर खान की टीम १४ मार्च को गोंदिया रेलवे स्टेशन पर निगरानी में तैनात थे।
इसी दौरान मुंबई-हावड़ा मेल (ट्रेन क्र. १२८०९) के पीछे जनरल कोच में मुर्शिदाबाद निवासी अपने पिता व दादी के साथ मौजुद १४ माह के दूधमुंहे बच्चे अमन वल्द रिजुबुल शेख का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया और उसकी जान पर बन आयी।
मासूम बच्चा लगातार उल्टी करते हुए दम भरने लगा जिससे उसे सांस लेने में भी बेहद परेशानी हो रही थी।
बच्चे के पिता व दादी ने तत्काल जानकारी टास्क टीम को दी जिसपर टास्क टीम ने पीड़ित परिवार को ट्रेन से उतारा और बिना समय गंवाए पसर्नल साधन से बच्चे को जिला महिला बाई गंगाबाई अस्पताल में भर्ती कराया और लगातार पीड़ित परिजनों के संपर्क में रहते हुए उन्हें पूर्ण सहायता प्रदान की तत्पश्चात १६ मार्च को बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होने एंव जान का खतरा पूर्णतः टल जाने के बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
यात्रा के दौरान बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ने पर अनजान शहर में मानवता का फर्ज निभाकर उनके बच्चे की जान बचाने के लिए पीड़ित परिवार ने गोंदिया आरपीएफ का आभार व्यक्त किया।
रवि आर्य