न्यूनतम वेतन 18000 हो , नियमित सेवा में शामिल करने की मांग
गोंदिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में सेवारत अंशकालीन महिला परिचरों (नर्सो) द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गत 26 जुलाई से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है , इसी के तहत जिला परिषद महिला परिचर महासंघ शाखा गोंदिया द्वारा जिला परिषद के सामने अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू किया गया है।
महिला परिचारिकाओं की मांग है कि, राज्य के 10579 स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्रों में वर्ष 1966 से महिला परिचारिकाएं काम कर रही है लेकिन आज भी उन्हें मात्र 3 हजार रूपये मानधन दिया जा रहा है।
मानधन बढ़ाने के साथ ही अन्य न्यायोचित मांगों को लेकर गत अनेक वर्षों से मांग की जा रही है लेकिन इस ओर अनदेखी की जा रही है लिहाजा संगठना की ओर से 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया गया है।
महिला परिचारिकाओं की प्रमुख मांग है कि कम से कम न्यूनतम वेतन 18 हजार रूपये होना चाहिए, उन्हें नियमित सेवा में शामिल किया जाए, अंशकालिक नाम बदला जाए, पूरे महाराष्ट्र की नर्सों को गणवेश व पहचान पत्र दिया जाए, कोविड भत्ता मिलना चाहिए, रिक्त पदों पर पेंशन योजना लागू हो, चादर, बेडशीट, परदे धुलाई का भत्ता दिया जाए, कार्यक्षेत्र में यात्रा भत्ता दिया जाए आदि का समावेश है।
आंदोलन में जिलाध्यक्षा सौ. कुंतन तुरकर, शारदा सहारे, श्रीमती छबीताई दमाहे, श्रीमती जिजा गजभिये, सौ. कविता उईके, सुनिता बनसोड, शालु ठाकरे आदि शामिल हुई।
रवि आर्य