गोंदिया: शहर और उससे सटे ग्रामीण इलाके सहित जिले के नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे रोड पर स्थित होटलों ढाबों , सावजी भोजनालयों में बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री हो रही है। सांझ ढलते ही यहां शराबियों की महफिलें सजनी शुरू हो जाती है जहां इनके संचालकों द्वारा अवैध रूप से शराब बिठाकर पालाए जाने का खेल शुरू हो जाता है , आसान शब्दों में कहें तो यह खानपान के स्थान अब शराबियों के अड्डे में तब्दील हो चुके हैं जहां खुलेआम शराब पीते ग्राहक दिखाई देते हैं , लेकिन इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहें कि आबकारी विभाग और जिला पुलिस प्रशासन को इन ढाबों होटलों सावजी भोजनालयों के कार गुजारियों की खबर होने के बाद भी इन पर कोई छापामार कार्रवाई नहीं होती ? या यूं कहें खानपान सामग्री बिक्री की आड़ में चल रहे इन अवैध शराब अड्डों पर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को प्रशासन खुद बढ़ावा दे रहा है।
लाइसेंसी हाथ धरे बैठे हैं और अवैध शराब की बिक्री करने वाले मार रहे हैं मौज
होटलों ढाबों सावजी भोजनालयों पर अवैध रूप से शराब बिठाकर पालाए जाने की वजह से एक और जहां लाइसेंसी परमिट रूम , बियर शॉपी , वाइन शॉप और बार मालिकों को खासा नुकसान हो रहा है और वह हाथ धरे बैठे हैं वहीं दूसरी ओर प्रशासन को लाखों रुपए की टैक्स की चपत राजस्व के तौर पर प्रतिदिन लग रही है। नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर दौड़ रहे वाहन चालकों को भी शराब सरलता से मिल रही है जो दुर्घटनाओं का अंदेशा बढ़ा रही है।
यह होटलों ढाबों और सावजी भोजनालयों के संचालकों द्वारा निर्धारित कीमत से 10 से 15% अधिक दामों पर असली शराब बेची जाती है वहीं ग्राहक अगर रेट को लेकर आनाकानी करता है तो उसे हुबहू लेबल में नकली शराब तक परोस दी जाती है यानी इन अड्डों पर मिलने वाली शराब असली हो यह जरूरी नहीं ? ऐसे अड्डों पर कार्रवाई कर उन्हें सील किए जाने की आवश्यकता है , लेकिन जिम्मेदार विभाग और उसके आला अधिकारी मौन है।
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि कुछ होटल ढाबे और सावजी भोजनालय हमारे गांव के नजदीक ही बने हैं जहां प्रतिदिन शराबियों की महफिलें सजती है और नशे में धुत्त इन बेवड़ों के बीच सड़क पर ही गाली गलौज होती रहती है जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है।
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ फैमिली रेस्टोरेंट भी है जो ग्राहकों को अवैध तरीके से शराब पीने के लिए जगह और खानपान की सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इन होटलों ढाबों और सावजी भोजनालयों की ईमानदारी से जांच पड़ताल की जाए तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं तथा इनके बढ़ते होसलों पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि कब और कितनी जल्द है ऐसे तत्वों के खिलाफ एक्साइज विभाग और जिला पुलिस प्रशासन कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज करता है।
बताते चलें कि यदि कोई लाइसेंसी शराब दुकानदार बोतल बंद शराब के बदले , खुली शराब देते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर लाइसेंस निरस्त करते हुए दुकान सील किए जाने का प्रावधान है लेकिन गोंदिया शहर के गंज बाजार क्षेत्र में ऐसी दुकान में धड़ल्ले से चिल्लर शराब की बिक्री की जाती है और आबकारी विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
रवि आर्य









