
गोंदिया। गोंदिया जिले में निकाय चुनावों को लेकर सोमवार, 17 नवंबर को नामांकन का आखिरी दिन था, और अंतिम दिन का नज़ारा किसी चुनावी कुंभ से कम नहीं रहा।
चारों निकाय क्षेत्रों गोंदिया, तिरोड़ा, सालेकसा और गोरेगांव में उम्मीदवारों की भीड़, समर्थकों के नारे, और एसडीओ , तहसीलदार कार्यालयों में उमड़े राजनीतिक रंगों ने माहौल को पूरी तरह चुनावी बना दिया।
अध्यक्ष पद पर 44 उम्मीदवारों की रेकॉर्ड तोड़ कतार
गोंदिया नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए डॉ माधुरी नासरे (घड़ी) , कशिश जायसवाल ( कमल ) , सचिन शेंडे (पंजा) , डॉ प्रशांत कटरे ( शिवसेना- धनुष बाण ) , अजय पडोले ( बसपा- हाथी ) , उमेश दमाहे ( आप- झाड़ू ) सहित कुल 16 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। तिरोडा नगर परिषद अध्यक्ष पद हेतु 6, सालेकसा नगर पंचायत में अध्यक्ष पद हेतु 14 और गोरेगांव नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए 8 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। यानी चार निकाय मिलाकर कुल 44 चेहरे अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अपनी किस्मत आज़माने उतर पड़े हैं।
बता दे कि निकाय चुनाव को लेकर महायुति के बीच गठबंधन नहीं हुआ है वहीं महा विकास आघाड़ी के तीनों घटक दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा , शिवसेना शिंदे तथा एनसीपी अजीत गुट अपने बूते चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में चुनावी पंडितों का कहना है-अध्यक्ष पद की सीट इस बार हाई-वोल्टेज मुकाबले से कम नहीं।
700 दावेदार मैदान में , मुझे भी बनाना है पार्षद ?
नगरसेवक पद का हाल तो और भी चौंकाने वाला है।
गोंदिया के 22 प्रभाग की 44 सीटें के लिए 407 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।
तिरोड़ा नगर परिषद के 10 प्रभाग के लिए 118 नामांकन पत्र दाखिल किए गए।
सालेकसा नगर पंचायत के 17 वार्ड के लिए 91 उम्मीदवार मैदान में है।
गोरेगांव नगर पंचायत के 17 वार्ड में 84 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।
चारों निकाय मिलाकर कुल 700 उम्मीदवारों ने नगरसेवक पद के लिए पर्चा भरा है।
यह आंकड़ा बताता है कि इस बार निकाय चुनाव में दावेदारों का उत्साह आसमान पर है , सभी के नगरसेवक बनने की हसरत है लिहाजा हर वार्ड में मुकाबला बहुकोणीय और बेहद दिलचस्प होने वाला है।
आज स्क्रूटनी : चुनावी दंगल अब होगा और रोचक
अंतिम दिन जमा हुए नामांकनपत्रों की भीड़ से इतना तो साफ है कि इस बार निकाय चुनाव में हर पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने उतर चुकी है निर्दलीयों की फौज भी मैदान में है हर वार्ड में मुकाबला त्रिकोणीय नहीं, कई जगह पंचकोणीय होता दिख रहा है और सबसे दिलचस्प- कौन किसकी जीत बिगाड़ेगा और किसकी राह आसान करेगा, इसका खेल अब शुरू होगा।
बता दे कि आज नामांकन पत्रों की जांच ( स्क्रुटनी ) का सिलसिला शुरू हो चुका है जो दोपहर 3 बजे तक चलेगा।
नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 21 नवंबर दोपहर 3 बजे तक है।
इस बीच मान मनौवल और मोल भाव का खेल चलेगा।
नामांकन वापसी के बाद चुनावी रणभूमि में कितने चेहरे डटे रहेंगे इस पर निगाहें टिकी है।
चुनाव चिन्ह 26 नवंबर को वितरित किए जाएंगे , मतदान 2 दिसंबर को होगा और चुनाव मतगणना 3 दिसंबर को होगी इसके साथ ही रिजल्ट घोषित किए जाएंगें।
इधर हो ..उधर हो , आखिर किधर हो ?
चुनावी मौसम में उम्मीदवारों के पाला बदलने से मतदाता भी असमंजस में है कि किस पर भरोसा करें ?
मतदाताओं की निगाहें अब उन चेहरों पर टिकी है जो बार-बार खेमे बदलते घूम रहे हैं।
निकाय चुनावों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है- कि कौन किसकी नाव में ? और कब पलट जाए ( नामांकन विड्राल ) ले क्या पता ?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार दल बदल का खेल चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है ।
हर पार्टी अपनी जीत पक्की करने के लिए नए चेहरों को मौका दे रही है वहीं पुराने पार्षद खुद को अनदेखा महसूस कर अलग रास्ता चुन रहे हैं।
वही टिकट कटने से नाराज कईयों ने तो निर्दलीय दुकान भी सजा ली है , अब शहर में सिर्फ एक ही सवाल घूम रहा है- इधर हो ? उधर हो ? आखिर किधर हो ?
रवि आर्य












