शासन को है नीलामी की हड़बड़ी , ठेकेदार को है नुकसान का डर
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मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार 5 मई को एक स्थगन आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने स्टे आर्डर गोंदिया तहसील के पुजारीटोला कासा रेती घाट से निकालकर ठेकेदार द्वारा तेड़वा के स्टॉक यार्ड में रखी गई 2700 ब्रास रेती को लेकर दिया है ।
अवतार मिनरल्स (गोंदिया) की ओर से दायर पिटिशन में याचिकाकर्ता की ओर से उनके वकील विश्वास कुकड़े ने कोर्ट को बताया कि तेड़वा के स्टॉक यार्ड में रखा रेती का ढेर यह रॉयल्टी पैड माल है , कोई अवैध उत्खनन का नहीं है कि उसको जब्ती या नीलाम किया जाए ? लिहाजा इन्हीं को परमिशन दी जाए कि वे यह माल को उठाकर बेच सकें ।
अदालत में दलील सुनने के बाद इस पर स्टे जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 12 मई निश्चित की है।
मामला कुछ यूं है कि..
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रेती घाट नीलामी का 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक का पीरियड रहता है। लास्ट ईयर गवर्नमेंट की गलती से ऑक्शन मार्च में हुआ। जो पुजारीटोला कासा घाट 1 अक्टूबर 2018 को नीलाम होना था उसका ऑकशन मार्च 2019 में हुआ अर्थात छह माह देरी से। पीरियड कम था फिर भी ऑफसेट वैल्यू वही रखी गई।
इस घाट को अवतार मिनरल्स के लाइसेंसी ठेकेदार जसजीत सिंग भाटिया ने एक करोड़, 12 लाख 02 हजार 687 रुपए की आफसेट प्राइस में खरीदा और टैक्स वगैरह जोड़कर उन्हें यह घाट लगभग डेढ़ करोड़ रुपए में हाथ लगा तथा ठेकेदार को नदी से 7950 ब्रास रेती निकालने की परमिशन मिली।
30.9. 2019 को जब रेती घाट का पीरियड खत्म हो रहा था तब ठेकेदार का माल बिका नहीं था, बचा था ।
जिसपर अवतार मिनरल्स की ओर से नियमों के तहत ट्रेडिंग लाइसेंस मांगा गया , तथा ट्रेडिंग नियमों की शर्तों के तहत उन्होंने नदी से निकाली गई रेती को पर्टिकुलर जगह पर रखने हेतु कासा रेती घाट से 100 मीटर की दूरी पर ग्राम तेड़वा सीमा की प्राइवेट जगह को लीज पर लेकर उसे NA कराया और उस जगह को स्टॉक यार्ड दिखाते हुए वहां 2700 ब्रास रेती जिसका बाजार मूल्य लगभग 50 लाख रुपए है यह बिक्री हेतु स्टोर कर रखी थी।
इस ट्रेडिंग लाइसेंस की वैलिडिटी 31 दिसंबर तक रहती है लिहाजा उसके बाद उसे 1 साल के लिए रिन्यूअल कराया जा सकता है ? जिस पर जसजीत सिंग भाटिया ने 30 नवंबर 2019 को एडिशनल कलेक्टर गोंदिया के के पास 1000 रूपए की फीस भरकर आवेदन किया कि नीलामी में खरीदा हुआ रॉयल्टी पैड माल है लेकिन अभी तक रेती ढेर बचा हुआ है , बिका नहीं है?
इसलिए रिन्यूअल दिया जाए लेकिन उन्होंने इस अनुमति को रिजेक्ट कर दिया। इसी तरह के एक सिमरल मैटर पर तिरोड़ा तहसील के घाट कुरोड़ा की रिन्यूअल अपील को भी एडिशनल कलेक्टर द्वारा रिजेक्ट किया गया , जिस पर भंडारा का ठेकेदार हाईकोर्ट से जाकर स्टे आर्डर ले आया।
उसी हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर की कॉपी के आधार पर जगजीत सिंग भाटिया द्वारा पुनः रिन्यूअल आवेदन किया गया लेकिन गोंदिया एसडीओ द्वारा 30 अप्रैल 2020 को पत्र जारी करते कहा गया कि तेढ़वा के नाम से आपने अगर खुद कोर्ट में अपील किए हो तो उसकी ऑर्डर कॉपी 1 मई 2020 तक लाकर जमा करो। अगर कल तक रिप्लाई नहीं दिया तो हम उस स्टॉक यार्ड में रखे रेती के ढेर को नीलाम करेंगे ?
शासन की इसी नीलामी की हड़बड़ी को देखते हुए और अपना नुकसान बचाने हेतु अवतार मिनरल्स के लाइसेंस धारी ठेकेदार जसजीत सिंग भाटिया ने हाईकोर्ट की शरण ली और अब उनके फर्म द्वारा दाखिल की पिटीशन पर हाईकोर्ट ने स्टे आर्डर जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 मई 2020 निश्चित की गई है ।
रवि आर्य