गोंदिया। आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक और सुदर्शन क्रिया के आविष्कारक आध्यात्मिक योगाचार्य श्री श्री रविशंकर ने मानसिक शांति, शारीरिक ताज़गी, तनाव मुक्त जीवन , अहिंसा और मानवता के सिद्धांतों को पूरी दुनिया में फैलाया है।
उनके वैश्विक योगदान के लिए उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिले हैं , भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया है।
जीवन शैली , ध्यान और प्राणायाम तकनीकों से लाखों लोगों की जिंदगी में उन्होंने सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
आध्यात्मिक गुरु के रूप में अपनी पहचान कायम करने वाले श्री श्री रविशंकर जी का 13 मई को गोंदिया में जन्म दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सुबह के पहले चरण में गुरु पूजा के साथ प्रशिक्षिक गण , स्वयंसेवकों एवं सैकड़ो साधकों ने लॉन्ग सुदर्शन क्रिया सत्र का लाभ उठाया।
भक्तिमय संगीत संध्या ने बांधा समां
गोंदिया के सिंधी मनिहारी धर्मशाला में 13 मई के शाम 7 बजे से भक्तिमय संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
नागपुर से पधारे मुख्य गायक हर्षद कोतुरकर ने अपनी सुमधुर आवाज़ देकर उपस्थित साधकों को झूमने का मौका दिया।
जय गुरु ओमकारा, शिव कैलाशो के वासी, सांसो की माला में सिमरू मैं तेरा नाम और हमें रास्तो की जरूरत नही है, हमे तेरे पैरो के निशां मिल गए है जैसे दर्जनों सुंदर भजनों की प्रस्तुति देकर सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
संगीत में भजन संध्या में अन्य गायक प्रवीण पुनियानी ने शिव राजा महेश्वरा जय शंकर शिव शम्भो, तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है जैसे अन्य गीत प्रस्तुत किए।
भजन मंडली में सफ़न चौरसिया (की बोर्ड), राठौर जी (फ्लूट), अरुण चौरसिया (ऑक्टोपैड), हर्ष कुमार (ढोलक), संजय धोटे (कोरस), आदित्य साहबड़े (गिटार), शैलेश देवधरे व आशीष देशभ्रतार (तबला) ने अपने सुर-ताल बिखेरे।
अंत में भोजन प्रसादम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग गोंदिया द्वारा किया गया।
नगर के 500 से अधिक आध्यात्म प्रेमियों ने इन आयोजनों में उपस्थिति दर्ज कर लाभ लिया।
रवि आर्य