गोंदिया। पानीपुरी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। गांव-गांव गोलगप्पे का ठेला लेकर पानी पुरी बेचने वाले छात्र की तकदीर ने सचमुच कमाल कर दिया है। ख ज़ज्बा कुछ करने का ऐसा , कर भरोसा खुद पर इतना.. कि तेरे सपनों की उड़ान नज़र आए।
कुछ ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के तिरोड़ा तहसील के ग्राम खैरबोड़ी के नंदन नगर के रहने वाले रामदास हेमराज मारबदे की है जिन्होंने सही रणनीति के साथ खुद पर भरोसा और मेहनत के दम पर इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो ) मैं टेक्नीशियन पद की उड़ान भर ली है , अब वह इसरो के टेक्नीशियन डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दे रहा है।
सपने उन्हीं के सच होते हैं जो सपने देखते हैं.?
रामदास ने बताया-उनके पिता भंडारा जिले के तुमसर तहसील के मोहड़ी स्थित डोंगरगांव जिला परिषद स्कूल में चपरासी थे जो अभी सेवानिवृत हुए हैं उनकी मां ग्रहणी है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गणेश हाई स्कूल गुमाधावड़ा से पूर्ण की इसके बाद 12वीं की पढ़ाई सी.जी पटेल कॉलेज तिरोड़ा से पूरी करने के बाद नासिक के YCM कॉलेज से BA की ( प्राइवेट ) परीक्षा देकर पूर्ण की।
इस दौरान एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर इसरो में नौकरी का सपना लेकर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था तिरोड़ा (ITI) से पंप ऑपरेटर- कम- मैकेनिक का कोर्स लेकर सेंट्रीक्यूगल, रिसीप्रोटीगं , द्रव्य प्रवाह ,दबाव , हेड , कैविटेशन , जल उपचार ,तेल ,गैस रखरखाव व मरम्मत का प्रशिक्षण पूर्ण किया।
ऐसा रहा गांव की गलियों से ” इसरो ” तक का सफर
वर्ष 2023 में ISRO ने अप्रेंटिस ट्रेनी पदों के लिए भर्ती (वैकेंसी) निकाली , ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आवेदन अप्लाई किया।
2024 में नागपुर यहां रिटर्न टेस्ट परीक्षा उत्तीर्ण की और 29 अगस्त 2024 को स्किल टेस्ट की परीक्षा देने वह श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र पहुंचा और स्किल टेस्ट की परीक्षा दी और पास कर ली जिसके पश्चात इसरो मे सिलेक्शन हुआ और 19 मई 2025 का ज्वाईनिंग लेटर लेकर रामदास मारबदे यह श्री हरिकोटा के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (स्पेस सेंटर) पहुंचा और पंप-ऑपरेटर- कम- मैकेनिक का पदभार संभालते हुए सूक्ष्म पहलुओं पर शोध कर रहा है।
उसकी इस सफलता पर परिवार में खुशी की लहर हैं वहीं गोलगप्पे बेचने वाले एक युवा द्वारा हासिल की गई उपलब्धि पर गोंदिया जिला भी खुद को गौरांवित महसूस कर रहा है।
रवि आर्य