2 वर्षों बाद पकड़ाया पत संस्था अध्यक्ष,अभिकर्ता व संचालक
गोंदिया । जिले में कुछ पत संस्थाएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं , कुछ ठीक-ठाक काम कर रही है लेकिन कुछ पत संस्थाएं ऐसी भी हैं जो निवेशकों के करोड़ों रुपए डकार चुकीं है।
निवेशकों द्वारा अपने खून-पसीने व कड़ी मेहनत से जमा किए गए रूपयों की अफरातफरी करते हुुए 1 करोड़ 10 लाख से अधिक की राशि का गबन कर गत 2 वर्षों से फरार चल रहे सालेकसा तहसील के ग्राम साखरीटोला स्थित पतसंस्था के अध्यक्ष व अभिकर्ता तथा संस्था संचालक को पुलिस ने आखिरकार 20 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया तथा अब दोनों आरोपी सालेकसा पुलिस कस्टडी में है।
गौरतलब है कि, साखरीटोला स्थित विदर्भ ग्रामीण बिगर शेती सहकारी पतसंस्था मर्या. साखरीटोला का जिला विशेष लेखा परीक्षक कार्यालय के मार्गदर्शन में 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक किए गए स्पेशल ऑडिट पश्चात 1 करोड़ 10 लाख 87 हजार 194 रूपये के आर्थिक गबन का मामला सामने आया था जिसपर फिर्यादी लेखा परीक्षक राजेश पांडुरंग बावनथड़े (44 रा. प्रमाणित लेखा परीक्षक सहकारी पत संस्था आमगांव) की ओर से दिसबंर 2019 में संस्था के अध्यक्ष योगेशसिंह (41 रा. साखरीटोला) , संस्था के संचालक व रिकार्ड लिखने वाले क्लर्क- प्रल्हाद और एक महिला कर्मचारी के खिलाफ सालेकसा थाने में धारा 406, 409, 420, 34, सहकलम 3 महाराष्ट्र ठेवीदार हित संबंध संरक्षण अधिनियम 1999 के तहत जुर्म दर्ज कराया गया।
कैश बुक में नगद रकम कम बताकर, राशि का गबन
इस मामले की जांच में यह उजागर हुआ कि, तीनों आरोपियों ने आपसी सांठगांठ करते हुए संस्था के खाते में निवेशकों द्वारा जमा किए गए पैसे की अफरातफरी की तथा कैश बूक में नकदी रकम कम बताकर संस्था के नगदी राशि का गबन किया।
आरोपी योगेशसिंह ने अभिकर्ता एजेंट के तौर पर खातेदारों से जमा की गई राशि संस्था में जमा न करते हुए खुद के इस्तेमाल हेतु उसका उपयोग किया और बोगस कर्जधारकों को दर्शाकर संस्था के पैसे को कर्जस्वरूप वाटप दर्शाया।
इतना ही नहीं संस्था के कामकाज में होनेवाले नियमित खर्च को अधिक बताकर राशि की अफरातफरी करते हुए संस्था से धोखाधड़ी की।
1 करोड़ 10 लाख 87 हजार 194 रूपये के गबन का मामला उजागर होने के बाद सालेकसा पुलिस तीनों फरार आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
इस दौरान पुलिस ने अनेक बार आरोपियों के घर दबिश दी तथा उनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ की गई लेकिन तीनों आरोपियों का कहीं अता-पता नहीं था।
आरोपियों की धरपकड़ हेतु सालेकसा पुलिस निरंतर नेटवर्क बनाए हुए था आखिरकार गोपनीय जानकारी हाथ लगने पर 20 जुलाई को जाल बिछाकर पुलिस ने संस्था के अध्यक्ष तथा संचालक को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार कर लिया, अब दोनों आरोपी सलाखों के पीछे है।
विशेष उल्लेखनीय कि पत संस्थाओं में आपसी प्रतिस्पर्धा होने से जहां ग्राहक उचित विशेषण किए बिना ही अधिक ब्याज के लालच में बड़ा निवेश कर बैठते हैं वहीं पत संस्था द्वारा ऋण देने में सही व्यक्ति और सही परियोजना का चयन किए बिना जल्दबाजी में ऐसे ऋण स्वीकृत व वितरित कर दिए जाते हैं जो कि एक- 2 वर्षों में ही एनपीए में परिवर्तित हो जाते हैं ऐसे में डीडीआर ऑफिस का यह कर्तव्य हो जाता है कि वक्त रहते ग्राहकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए।
उक्त कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, अपर अधीक्षक अशोक बनकर, उपविभागीय पुलिस अधिकारी जालिंदर नालकुल के मार्गदर्शन में सालेकसा थाना प्रभारी प्रमोदकुमार बघेले, सपोनि सुनील जानकर, पोउपनि भिष्मराज सोरते, सउपनि बडवाईक, पो.ना. बिजेंद्र बिसेन, प्रमोद सोनवाने, पोसि खोब्रागड़े, यादव, बंसोड़ की टीम की ओर से की गई।
रवि आर्य