Published On : Mon, Sep 15th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: किसानों की मेहनत पर डाका 50 से 60 करोड़ का धान बोनस सीधा बिचौलियों के जेब में

3000 बोगस नामों से खेला गया वर्ष 2019-20 और 2024- 25 में खेल , धान की फर्जी खरीद दिखाकर उठा लिया धान बोनस

गोंदिया। सरकारी जमीन , कॉलेज की भूमि के निर्धारित गट नंबर को फर्जी किसान की जमीन दिखाकर उसके नाम से फर्जी सातबारा बनाकर 50 से 60 करोड़ रुपए की धान बोनस राशी गबन करने का मामला गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील में सामने आया है।
ऐसा आरोप आयोजित पत्र परिषद में लगाते हुए शिवसेना शिंदे गुट के युवासेना जिला प्रमुख अर्जुन सिंह बैस ने बताया- 25000 किसानों की सूची हमने जिला पणन अधिकारी ( डीएमओ ) ऑफिस से ली है ।

फर्जी किसानों के नाम पर बोनस की लूट , सरकार भी बनी शिकार

सालेकसा तहसील के ग्राम पाऊलदौना , रौंढ़ा , बामनी , येवला , गिरोला सहित अन्य सेवा सहकारी धान खरीदी केंद्र
मे वर्ष 2019-2020 एवं वर्ष 2024 -2025 में इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

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16 Sept 2025
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इस सूची में 3000 ऐसे लोगों के नाम हैं जिनके पास सातबारा ही नहीं है , जो किसान ही नहीं है ?

अब जो किसान नहीं है तो उसको बोनस नहीं आएगा लेकिन ऐसे लोगों का सिर्फ आधार कार्ड लिए उनके नाम पर सरकारी जमीन , कॉलेज की भूमि का गट नंबर दर्शाकर उनके नाम पर बोगस 7/12 बनाए व बैंक खाता खोला गया और सालेकसा तहसील के किसानों के बैंक खाते में शासन द्वारा धान बोनस के रुपए जमा किए गए लेकिन किसानों के नाम से बोनस व्यापारी , बिचौलिए और सहकारी धान समिति ने उठा लिया और इस फर्जीवाड़े के जरिए शासन को भी ठगी का शिकार बनाया।

इसे लेकर अब बाकायदा जिला पणन अधिकारी ( डीएमओ ) को सरकारी जमीन और कॉलेज की भूमि के गट नंबर के साथ , किसानों के नाम बने फर्जी सातबारा की जानकारी पीड़ित किसानों के एफिडेविट के साथ लिखित तौर पर दी गई है ।
अगर जांच कर दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ेगा।

सरकारी जमीन और कॉलेज की भूमि के नाम बने फर्जी सातबारा

बता दें कि प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है साथ ही धान खरीदी की अंतर राशि को बोनस के रूप में किसानों को दिया जाता है ।

पिछली 2019- 20 त्रिशंकु सरकार ( कांग्रेस- शिवसेना- एनसीपी ) द्वारा प्रति एकड़ पर 700 रूपए और अधिकतम 5 एकड़ पर 35000 बोनस के रूप में किसानों को दिए जाते थे।

वर्तमान सरकार ( भाजपा- शिवसेना शिंदे- एनसीपी अजीत ) द्वारा वर्ष 2024- 25 में धान खरीदी की अंतर राशि बोनस के रूप में देना शुरू की गई है लेकिन किसानों का फर्जी 712 दिखाकर ऐसे व्यापारी , बिचौलिए और धान खरीदी सेवा सहकारी समिति द्वारा साल कसाब तहसील में उठा लिया गया है ऐसा आरोप आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाते हुए शिवसेना शिंदे गुट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

अब देखना दिलचस्प होगा प्राप्त लिखित शिकायत के बाद डीएमओ ऑफिस क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करता है या फिर यह धान बोनस घोटाले का केस फाइलों में दबकर रह जाएगा

रवि आर्य

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