विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2020 के मसौदे का विरोध
गोंदिया देश में टिकाऊ आर्थिक विकास दर के लिए किफायती दरों पर बेहतर बिजली की आपूर्ति आवश्यक है लिहाजा विद्युत क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय ने 17 अप्रैल को विद्युत अधिनियम (संशोधन ) विधेयक 2020 के मसौदे के रूप में प्रस्ताव जारी किया है , सरकार आपूर्ति के लिए फ्रेंचाइजी या उप वितरण लाइसेंसियों को जोड़कर उस आपूर्ति क्षेत्र में बिजली का गुणवत्तापूर्ण वितरण सुनिश्चित करना चाहती है लेकिन बिजली वितरण क्षेत्र में निजीकरण का विरोध वामदलों के ट्रेड यूनियनों ने करते हुए 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
वर्कर्स फेडरेशन आयटक के कर्मचारियों ने की जमकर नारेबाजी
गोंदिया के रामनगर इलाके में स्थित बिजली पावर हाउस पर वर्कर्स फेडरेशन (आयटक ) के बैनर तले आज गुरुवार को जोन सचिव -विजय चौधरी, सर्कल सचिव विवेक भाकड़े , विभागीय सचिव अशोक ठवक्कर , जोन सदस्य -लोकेश्वरी टेंभरे , प्रकाश चिंधालोरे , विनोद चौरागड़े, मंगेश माड़ीवाले , विनोद भांडारकर , कुंडलिक मेश्राम , सचिन पटले, वाघ साहब , जगदीश सेंगर आदि की अगुवाई में मौजूद विद्युत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते कहा- इस कानून का उद्देश्य पूंजीवादी कंपनियों , फ्रेंचाइजी कॉर्पोरेट जगत के व्यक्तियों और बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाना है इस विधुत अधिनियम को उसी तरीके से पारित करने की प्रक्रिया है इसलिए महाराष्ट्र राज्य ऊर्जा विभाग के हितों की रक्षा के लिए सभी वर्कर्स यूनियन ने 26 नवंबर को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का फैसला लिया है।
हम सभी कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों का अनुरोध है कि सभी मौजूदा फ्रेंचाइजी रद्द करें और भविष्य में काम पर रखना बंद करें यह हड़ताल केंद्र सरकार के ऊर्जा उद्योग के निजीकरण के खिलाफ है ।
रवि आर्य
