गोंदिया। चरित्र संदेह में अपनी पत्नी पर चाकू से सपासप वार कर उसकी हत्या का प्रयास करने वाले शक्की किस्म के निर्दयी आरोपी पति को 10 साल सश्रम कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माना की सजा गोंदिया न्यायालय के जिला व सत्र न्यायाधीश श्री प्रतिनिधि साहेब की कोर्ट में सुनाई गई।
लगभग 5 वर्ष पूर्व घटित इस प्रकरण पर कोर्ट ने फैसला 29 अप्रैल 2025 को सुनाया।
घटना गंगाझरी थाना क्षेत्र से 13 किमी दूर ग्राम सोनेगांवकला में 5 जून 2020 के रात 9 बजे के दरमियान घटित हुई थी।
वाक्या कुछ यूं है कि …..?
आरोपी प्रवीण हरगोविंद भेलावे (26 रा. सोनेगांवकला) यह अपनी पत्नी के चरित्र पर हमेशा संदेह व्यक्त करते रहता था।
घटना की रात उसकी 26 वर्षीय पत्नी मौहल्ले -पड़ोस में बातचीत करने हेतु बैठी थी।
आरोपी यह घर से चाकू लेकर उस मकान में पत्नी को मारने पहुंच गया तथा आव देखा न तांव अचानक पत्नी पर हमला कर दिया, जिससे चाकू उसकी कोहनी पर लगा और वह गिर पड़ी तो आरोपी ने पुनः पत्नी पर हमला किया और कमर के पास चाकू मारा।
फिर्यादी पत्नी लहूलूहान अवस्था में जान बचाने हेतु भागी तो आरोपी भी उसके पीछे सड़क पर दौड़कर पुनः पत्नी पर चाकू से वार किया जिसके बाद गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों ने महिला को जैसे-तैसे बचाकर जिला केटीएस अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन स्थिति गंभीर होने पर उसे नागपुर रैफर किया गया।
पुलिस ने कोर्ट में मजबूत चार्जशीट पेश की
आरोपी यह पत्नी के चरित्र पर हमेशा संदेह व्यक्त करता था जिसकी परिणिती इस जानलेवा हमले के तौर पर सामने आयी। गंभीर जख्मी फिर्यादी पत्नी की शिकायत पर आरोपी पति प्रवीण भेलावे (26, रा. सोनेगांवकला के विरूद्ध गंगाझरी थाने में अ.क्र. 108/2020 की धारा 307 हत्या का प्रयास, सहकलम 4, 25 भारतीय हथियार कायदा का जुर्म दर्ज किया गया। पुलिस ने तत्काल आरोपी पति प्रवीण भेलावे को गिरफ्तार कर मामले की हर पहलू से जांच करते हुए चार्जशीट कोर्ट में पेश की।
न्यायालय में केस क्र. 72/2020 के तहत चल रहे इस मामले में पेश किए गए सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध हुआ।
जिला व सत्र न्यायाधीश श्री प्रतिनिधि साहेब ने दोनों पक्षों की दलील सुनने तथा पेश सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी प्रवीण भेलावे को धारा 307 हत्या का प्रयास के तहत 10 वर्ष का कारावास व 2 हजार रुपये दंड की सजा सुनायी तथा दंड न भरने पर आरोपी को 2 माह की अतिरिक्त सजा भूगतनी होगी तथा धारा 324 के तहत 3 वर्ष सजा व 1000 हजार रुपये जुर्माना व दंड न भरने पर 1 माह अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
उक्त मामले की जांच एपीआई निलेश उरकुडे ने की तथा कोर्ट में सरकार की ओर से अपना पक्ष एड. खंडेलवाल ने रखा। न्यायालयीन कामकाज में पो.ह. धीरज तिवारी ने सहकार्य किया।
रवि आर्य