(दीपक दुख , दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करता है)
हर तरफ फैली प्रकाश की महाशक्ति
गोंदिया जिले के हर छोटे गांव से लेकर वार्ड के गल्ली -मौहल्ले में रहने वाली जनता ने अपने-अपने घरों की लाइटें स्वेच्छा से रात 9 बजे , 9 मिनट के लिए बंद कर दी और दरवाजे पर, इमारतों की गैलरी तथा घरों की छतों पर खड़े होकर – दीया , मोमब्बती, टार्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रकाश की महाशक्ति फैलाते हुए इस शक्ति के जरिए यह संदेश दिया कि, इस संकट की घड़ी में देशवासी एकजुट है और इसी एकजुटता के दम पर ही कोरोना की इस महामारी को मात दी जा सकती है।
शहर के कुछ इलाकों में पटाखे जलाए गए
गौरतलब है कि, ५ अप्रैल के रात ९ बजे, ९ मिनट के लिए अपने-अपने घरों के बाहर रोशनी करें तथा दिया, मोमब्बती, टार्च या मोबाइल फ्लैश लाइट जलाए एैसी अपील प्रधानमंत्री मोदी ने की थी हालांकि इस दीप प्रज्वलन के साथ-साथ इस दौरान शहर के गणेशनगर, सिविल लाइन, सिंधी कॉलोनी व अन्य इलाकों में कुछ उत्साही युवक व परिवारों द्वारा घूप अंधेरे के बीच फुलझड़ियां , चकरी, अनार जैसे फटाखे फोड़कर व आतिशबाजी करते हुए आसमान में रोशनाई की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से इस बार विशेष सावधानी बरतने की अपील करते कहा था कि इस दौरान भीड़भाड़ के रूप में एकत्र न हो लेकिन शहर के कुछ इलाकों में नियम भंग होते भी देखे गए।
नकारात्म चीजों को खत्म करता है प्रकाश
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रकाश की वजह से नकारात्म चीजें नष्ट होती है। दरअसल प्रकाश में गर्मी होती है एैसे में इसकी वजह से वायरस और बैक्टीरिया आदि आसानी से नष्ट हो जाते है।
आध्यात्म में भी प्रकाश का महत्व है। दरअसल रोशनी को रक्षा कवच माना गया है, खासतौर पर दीपक की रोशनी.. इससे सकारात्मक उर्जा के प्रवाह में निरंतरता आती है। वही सनातन धर्म में दीपक जलाने के पीछे जीवन को प्रकाशमान करना बताया गया है। इतना ही नहीं दीपक दुख, दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करता है।
कुल मिलाकर गोंदिया में प्रधानमंत्री मोदी की अपील का नागरिकों ने खुलकर समर्थन किया तथा पूरे उत्साह के साथ कोरोना के अंधकार को मिटाने का संकल्प लेते हुए एकजुटता का परिचय दिया गया।
रवि आर्य