गोंदिया में भू-माफिया का महा घोटाला , 3 करोड़ रुपए की 7000 स्क्वायर फिट बेशकिमती जमीन पर कब्ज़े का खेल
गोंदिया। जमीनों की धोखाधड़ी के लिए भू-माफिया किसी भी हद तक जाने से गुरेज नहीं कर रहे।
गोंदिया में जमीन हड़पने के लिए मृत महिला इंदुबाई पति अशोक कुमार कोडवानी ( निवासी , हनुमान चौक- सिविल लाइन ) को जीवित दिखा दिया गया , फिर मृत महिला के नाम से फर्जी महिला को गोंदिया रजिस्टर ऑफिस में खड़ा कर जमीन की बिक्री विशाल माधव खंडेलवाल (44 , कुड़वा लाइन , देशबंधु वार्ड ) और महेंद्र तुलाराम धांडे (41, निवासी नागरा त. गोंदिया ) के नाम से 25 अप्रैल 2025 को दस्त क्रमांक 2241/25 के रूप में करा दी गई ।
इस बोगस रजिस्ट्री में 4 गवाहदार के रूप में रंजीत पिता तुकाराम मेश्राम ( 41, डोंगरगांव ) , अनिलकुमार पिता श्रीराम मेश्राम ( 43 , कृष्णपुर वार्ड ) , रूपेश उर्फ सोनू रमेशकुमार कुथे ( 40 , निवासी गणेश नगर ) , भागेंद्र पंचबुध्दे ( 38 नागरा ) को रखा गया और इन गवाहदारों ने मृत महिला की पहचान जीवित महिला के रूप में की।
तत्पश्चात उसी फर्जी रजिस्ट्री के सहारे नागरा पटवारी दफ्तर में फेरफार अर्ज दाखिल कर उक्त दोनों जमीन खरीददार व्यक्तियों ने अपने नाम जमीन फेरफार करवा ली और सातबारा भी अपने नाम बना लिया।
अब सवाल यह उठता है कि इतने बड़े फर्जीवाड़े को बिना मिली भगत के कैसे अंजाम दिया जा सकता है गोंदिया रजिस्टार ऑफिस , पटवारी और मंडल अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
एसडीओ ने रद्द किया बोगस सातबारा , वारसों को राहत
अपीलार्थी संतोष अशोककुमार कोडवानी ( निवासी- सिविल लाइन गोंदिया ) ने हुए फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत कोर्ट विधमान चंद्रभान खंडाईत ( उपविभागीय अधिकारी गोंदिया कार्यालय ) में की।
राजस्व अपील क्रमांक 92/ आरटीएस 64/25 मौजा नागरा प.ह नंबर 24 तहसील गोंदिया यह प्रकरण एसडीओ ने गंभीरता लिया और सुनवाई में यह बात सामने आई कि गट क्रमांक 445/2 में 6 हे.आर ( लगभग 7000 वर्ग फीट ) जमीन यह गोंदिया बालाघाट रोड पर ग्राम नागरा में प्राइम लोकेशन ( हाईवे रोड टच ) पर मौजूद है तथा इस भूमि का बाजार मूल्य लगभग 3 करोड़ के आसपास है तथा इसकी रजिस्ट्री 25 अप्रैल 2025 को गोंदिया रजिस्टार ऑफिस में 17 लाख 70 हजार का मूल्य दर्शाकर कर ली गई ।
महिला के पति अशोककुमार सुंदरदास कोडवानी की मृत्यु वर्ष 2020 में कोरोना के कारण हो गई जिसके बाद जमीन सौ.इंदुबाई अशोककुमार कोडवानी के नाम पर दर्ज थी , महिला की मृत्यु 27 मार्च 2022 को हुई , मृत्यु उपरांत कोडवानी परिवार ने कोताही बरती और वारसानों के नाम जमीन रिकॉर्ड पर नहीं चढ़ाए गए इसी का लाभ उठाते हुए उसकी मृत्यु के 3 साल बाद दो व्यक्तियों ने यह जमीन अपने नाम कर ली।
एसडीओ चंद्रभान खंडाईत ने 25 जून 2025 को दिए अपने आदेश में अपीलार्थी की अपील मंजूर करते हुए ग्राम महसूल अधिकारी नागरा इन्हें 23 मई 2025 को जारी किए गए फेरफार क्रमांक 5067 इसे रद्द करने के आदेश देते हुए पूर्ववत: मृतक स्वर्गीय इंदुबाई अशोक कुमार कोडवानी के नाम पर गट क्रमांक 445/ 2 क्षेत्र 0.06 से.आर दर्ज पर सातबारा जारी करते अपीलार्थी के वारसनों की नियम अनुसार जांच कर सुधारित सातबारा निर्गमित करने का आदेश दिया है।
जानें..बोगस इलेक्शन कार्ड से कैसे हुआ फर्जीवाड़ा ?
इस बोगस रजिस्ट्री प्रकरण में जिस महिला को रजिस्टर ऑफिस में खड़ा किया गया था उसके नाम से पहले इंदुबाई अशोक कुमार कोडवानी ( निवासी गुरुनानक वार्ड ) का एड्रेस दर्शाकर फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनवाया गया और इस फर्जी इलेक्शन कार्ड के आधार पर त्रिवेणी अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड गोंदिया में 21 अप्रैल 2025 को खाता खोला गया व पंजाब नेशनल बैंक गोंदिया में भी खाता खोला गया तथा इन ( इलेक्शन कार्ड और बैक पासबुक ) दोनों दस्तावेजों का इस्तेमाल 25 अप्रैल 2025 को रजिस्ट्री ( दस्त क्रमांक 2241/ 25 ) में महिला के पहचान के तौर पर किया गया।
जिसके बाद 8 लाख 85 हज़ार रुपए का चेक नंबर 562747 और 8 लाख 85 हज़ार रुपए का चेक नंबर 562784 इस तरह से दो चेक , टोटल रकम 17 लाख 70 हज़ार रुपए के रूप में पंजाब नेशनल बैंक के नाम से खरीदार द्वारा दिया गया।
बाद में यह पैसा महिला की मदद से विड्रोल कर पैसा वापस खुद के पास रख लिया गया बताया जाता है।
फर्जी बैंक खाते में महिला ने अपने नॉमिनी का नाम नरेश रोचानी ( रिश्ता भाई ) के तौर पर दर्शाया है और मोबाइल नंबर भी भाई का ही कोड किया गया है।
महिला एक, इलेक्शन कार्ड 2 , होगी गिरफ्तारी तो खुलेंगी परतें
बोगस रजिस्ट्री करने जो महिला रजिस्टार ऑफिस पहुंची थी बताया जाता है कि ऑलरेडी उसके पास आधार कार्ड था लेकिन उससे उसकी असल पहचान उजागर हो जाती है इसलिए रजिस्ट्री में आधार कार्ड के इस्तेमाल की जगह फर्जी तौर पर इंदुबाई अशोक कुमार कोडवानी के नाम से बनाए गए वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल पहचान दस्तावेज के रूप में किया गया , अब इस महिला के पास उसके खुद के ओरिजिनल नाम से बना हुआ इलेक्शन कार्ड भी है और इंदुबाई अशोक कुमार कोडवानी के नाम से बनाया गया इलेक्शन कार्ड नंबर WKD 7641087 भी है यानी एक महिला के पास दो नाम से इलेक्शन कार्ड मौजूद है जो अपने आप में एक बड़ा संगीन जुर्म है।
महिला का फर्जी इलेक्शन कार्ड बनवाने में किसने मदद की इसकी जांच होना भी बहुत जरूरी है।
गजब..! रजिस्ट्री में खरीददार , बेचवाल सभी का एक ही मोबाइल नंबर
अजब गजब इस बोगस रजिस्ट्री प्रकरण में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि खरीददार महेंद्र तुलाराम धांडे (निवासी नागरा ) के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अन्य खरीददार विशाल खंडेलवाल और जमीन बेचवाल महिला सहित सभी का मोबाइल नंबर एक ही है।
सबसे मजे की बात यह है कि मृतक इंदुबाई अशोक कुमार कोडवानी की उम्र 62 वर्ष थी जबकि जो महिला रजिस्ट्री करने पहुंची थी उसकी उम्र 20 वर्ष कम थी और शरीर से भी वह दुबली थी लेकिन रजिस्ट्री करते वक्त रजिस्टार ने इस पर भी गौर नहीं किया और बिंदास रजिस्ट्री कर दी गई ।
प्रकरण उजागर हो जाने के बावजूद रजिस्टार ऑफिस की ओर से संबंधित दो खरीददार और 4 गवाह दारों सहित जमीन बेचवाल फर्जी महिला के विरुद्ध 4 माह बीत जाने के बाद भी थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है जो अपने आप में इस ओर इशारा करता है कि संभवत यह सारा खेल आपसी सांठगांठ और मिलीभगत के तहत रचा गया।
अपीलार्थी शिकायत करे तो हो सकती है FIR – एसडीओ
नागपुर टुडे ने इस मामले को लेकर एसडीओ से चर्चा की , कि क्या संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है ?
इस सवाल का जवाब देते हुए चंद्रभान खंडाईत ने कहा-
एसडीओ कार्यालय का काम है शिकायत पर दोनों पार्टियों को नोटिस जारी कर उनकी शिकायत की सुनवाई करना , जो भी फैक्ट दोनों पार्टियों के हमारे सामने आए उस आधार पर ऑलरेडी ऑर्डर हुआ है और उसकी कॉपी दोनों पार्टियों को हमने दे दी है । दस्तावेज गवाह और पहचान की सत्यता के बाद ही रजिस्ट्री की जाती है , यह सब देखना रजिस्टार ऑफिस का काम था , इस संबंध में रजिस्टर ऑफिस ने अपीलार्थी की लिखित शिकायत लेकर धोखाधड़ी की शिकायत थाने में दर्ज करानी चाहिए थी।
रवि आर्य