नक्सलप्रभावित गोंदिया जिले के सर्वांगीण विकास की है जिम्मेदारी
गोंदिया: भारतीय प्रशासनिक सेवा 2008 बैच की अधिकारी श्रीमती नयना ए. गुंडे इन्होंने 12 जुलाई को गोंदिया कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया।
श्रीमती नयना गुंडे यह यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन अकादमी (यशदा) पुणे में उपमहासंचालक पद पर नियुक्त थी। इसी बीच 10 जुलाई को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी कर दिए जाने के बाद उन्हें गोंदिया कलेक्टर का पदभार सौंपा गया।
श्रीमती गुंडे ने बी.ए. (राजनीति विज्ञान) की शिक्षा 1988 मेें शिवाजी विश्व विद्यालय कोल्हापुर से प्रथम स्थान से उत्तीर्ण की। तत्पश्चात 1990 में राजनीतिक विज्ञान में पुणे विश्व विद्यालय से एम.ए. से स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
जून 1992 से जून 1994 तक उस्मानाबाद में डिप्टी कलेक्टर पद पर कार्यरित रही। 1998 में नासिक में उन्होंने विशेष भूसंपादन अधिकारी के रूप में कार्य किया। तत्पश्चात 1999 में म्हाड़ा, 2000 से 2004 तक सांगली जिलाधिकारी कार्यालय में जिला पुनवर्सन अधिकारी पद पर रही। जून 2006 से 2007 के मध्य नासिक जिलाधिकारी कार्यालय में भूसंपादन अधिकारी रही। 2007 में अपर जिलाधिकारी पद पर उनकी पदोन्नती हुई।
2007 से 2012 के मध्य नासिक में म्हाड़ा मुख्याधिकारी पद पर कार्यरित रहने के बाद 2015 से नागपुर में अतिरिक्त नगर आयुक्त के रूप में कार्य किया। 2016 में भारतीय प्रशासकीय सेवा में पदोन्नती हुई, 2018 तक जिला परिषद वर्धा में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार संभाला।
2018 से 2020 तक पुणे महानगर परिवहन मंडल में चेयरमेन व व्यवस्थापकीय संचालक के रूप में कार्यरित रही तथा मार्च 2020 से जुलाई 2021 तक यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन अकादमी (यशदा) पुणे में उपमहासंचालक पद पर नियुक्त रही।
अब महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी उनके कंधों पर सौंपी गई है।
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिले में पहली महिला जिलाधिकारी के रूप में डॉ. कांदबरी बलकवड़े की ताजपोशी जून 2018 में की गई थी तथा लगभग सव्वा 2 साल तक जिलाधिकारी पद पर कार्यरत रहकर उन्होंने उत्कृष्ठ और सजग प्रशासक का रोल निभाया।
अब श्रीमती नयना अर्जुन गुंडे को कलेक्टर का पद सौंपे जाने से दुसरी बार जिले को महिला जिलाधिकारी का गौरव प्राप्त हुआ है।
रवि आर्य